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8.60 लाख के गबन में ग्राम प्रधान व तीन सचिवों पर केस

आजमगढ़ तत्कालीन मंडलायुक्त कनक त्रिपाठी के 26 जून के आदेश पालन कराने हुए डीएम राजेश कुमार ने डीपीआरओ लालजी दुबे को आदेश के अनुपालन का निर्देश दिया। डीपीआरओ के निर्देश पर एडीओ पंचायत बिलरियागंज मुन्नीलाल चौहान ने ग्राम पंचायत बिदवल की ग्राम प्रधान नसीम बानो संबंधित ग्राम पंचायत अधिकारी (सचिव) लालजी राय अजय यादव एवं उमा शंकर गौतम के खिलाफ आठ लाख 60 हजार 920 रुपये सरकारी धन के गबन का दोषी पाते हुए शनिवार को मुकदमा दर्ज कराया है। थानाध्यक्ष संजय कुमार सिंह ने बताया कि तहरीर के आधार पर मुकदमा दर्ज कर (धारा-409) मामले की विवेचना की जा रही है।

By JagranEdited By: Published: Sat, 18 Jul 2020 07:44 PM (IST)Updated: Sun, 19 Jul 2020 06:04 AM (IST)
8.60 लाख के गबन में ग्राम प्रधान व तीन सचिवों पर केस
8.60 लाख के गबन में ग्राम प्रधान व तीन सचिवों पर केस

जागरण संवाददाता, संवाददाता, आजमगढ़ : तत्कालीन मंडलायुक्त कनक त्रिपाठी के 26 जून के आदेश पालन कराने का निर्देश डीएम राजेश कुमार ने डीपीआरओ लालजी दुबे को दिया तो कार्रवाई की गति तेज हो गई। डीपीआरओ के निर्देश पर एडीओ पंचायत बिलरियागंज मुन्नीलाल चौहान ने ग्राम पंचायत बिदवल की ग्राम प्रधान नसीम बानो, संबंधित ग्राम पंचायत अधिकारी (सचिव) लालजी राय, अजय यादव एवं उमा शंकर गौतम के खिलाफ आठ लाख, 60 हजार, 920 रुपये सरकारी धन के गबन के मामले में शनिवार को मुकदमा दर्ज कराया। थानाध्यक्ष संजय कुमार सिंह ने बताया कि तहरीर के आधार पर मुकदमा दर्ज कर मामले की विवेचना की जा रही है।

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बिदवल गांव के ही शैलेंद्र कुमार पुत्र सीताराम ने तत्कालीन मंडलायुक्त को 29 मई को शिकायती प्रार्थना पत्र देकर  प्रधान पर आरोप लगाया था कि ग्राम समिति के गठन के पूर्व ग्राम निधि खाते से काफी पैसा अपने व अपने चहेतों के नाम निकालकर सरकारी धन का गबन कर लिया गया है। अपर आयुक्त प्रशासन अनिल कुमार मिश्रा की अध्यक्षता में गठित टीम ने विभिन्न पहलुओं पर जांच की। पाया कि ग्राम पंचायत की कार्य प्रणाली  अनियमित एवं दोषपूर्ण है, जिसके लिए ग्राम प्रधान व ग्राम पंचायत अधिकारी पूर्णता दोषी एवं उत्तरदायी हैं। ग्राम निधि खाते के प्राप्त बैंक  स्टेटमेंट से स्पष्ट हुआ कि ग्राम निधि से काफी  पैसे का आहरण नियम विरुद्ध किया गया है, जिसमें कई बार एक ही व्यक्ति के नाम एक ही तिथि में कई भुगतान किया गया है।  पूर्व कमिश्नर ने वित्तीय अनियमितता के संदर्भ में डीएम को निर्देशित किया था कि जांच कमेटी की आख्या के अनुसार वित्तीय अनियमितता में पाए गए दोषियों से दुरुपयोग की गई धनराशि की रिकवरी करने के साथ सुसंगत धाराओं के अंर्तगत मुकदमा पंजीकृत कराया जाए।


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