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सिलनी नदी का पुल धंसा, जान जोखिम में

जासं तहबरपुर (आजमगढ़) विकास खंड तहबरपुर के बड़सरा आयमा-खासबेगपुर गांव के बीच में सिलनी नदी पर लगभग 55 वर्ष पूर्व पुल का निर्माण कराया गया था। वर्तमान समय में पुल जर्जर हो चुका है। बावजूद इसके इसे बनवाने की जरूरत न ही सरकारी अमला समझ रहा है और न ही जनप्रतिनिधि। ऐसे में किसी बड़े हादसे से इंकार नहीं किया जा सकता।

By JagranEdited By: Published: Wed, 13 Nov 2019 04:43 PM (IST)Updated: Wed, 13 Nov 2019 04:43 PM (IST)
सिलनी नदी का पुल धंसा, जान जोखिम में
सिलनी नदी का पुल धंसा, जान जोखिम में

जासं, तहबरपुर (आजमगढ़) : विकास खंड तहबरपुर के बड़सरा आयमा-खासबेगपुर गांव के बीच में सिलनी नदी पर लगभग 55 वर्ष पूर्व पुल का निर्माण कराया गया था। वर्तमान समय में पुल जर्जर हो चुका है। बावजूद इसके इसकी मरम्मत की जरूरत न तो सरकारी अमला समझ रहा है और न ही जनप्रतिनिधि। ऐसे में किसी बड़े हादसे से इंकार नहीं किया जा सकता।

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जिला परिषद के सदस्य रहे स्व. भीमा प्रसाद यादव द्वारा तहबरपुर के बड़सरा आयमा व खासबेगपुर गांव के बीच सिलनी नदी पर 55 वर्ष पूर्व पुल का निर्माण कराया गया था। समय बीतता गया और पुल जर्जर हो गया। जिम्मेदारों की उदासीनता के चलते पुल धंस गया और दरारें पड़ गईं। ऐसे में लोग जान जोखिम में डालकर इसी मार्ग से आवागमन करते हैं। हालांकि ग्रामीणों ने इसकी शिकायत कई बार उच्चाधिकारियों से भी की लेकिन कोई हादसे को आमंत्रण दे रहा पुल चलने लायक नहीं है। फिर भी जान जोखिम में डालकर लोग आते-जाते हैं। पुल का पावा धंस गया है। दीवारें फटकर जानलेवा बन चुकी हैं। पुल देखने से लगता है कि पिछले 55 वर्षो में किसी जनप्रतिनिधि या अधिकारी का आगमन क्षेत्र में नहीं हुआ है।


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