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हालैंड के कलाकार करेंगे भोजपुरी रस की बरसात

आजमगढ़ जिलाधिकारी नागेंद्र प्रसाद सिंह की अध्यक्षता में रविवार को कलेक्ट्रेट सभागार में अधिकारियों स्वयंसेवी व महिला संगठनों जिले के प्रबुद्ध एवं गणमान्य व्यक्तियों के साथ बैठक हुई।

By JagranEdited By: Published: Sun, 17 Nov 2019 05:47 PM (IST)Updated: Sun, 17 Nov 2019 05:47 PM (IST)
हालैंड के कलाकार करेंगे भोजपुरी रस की बरसात
हालैंड के कलाकार करेंगे भोजपुरी रस की बरसात

जागरण संवाददाता, आजमगढ़: जिलाधिकारी नागेंद्र प्रसाद सिंह की अध्यक्षता में रविवार को कलेक्ट्रेट सभागार में अधिकारियों, स्वयंसेवी व महिला संगठनों, जिले के प्रबुद्ध एवं गणमान्य व्यक्तियों के साथ बैठक हुई। आजमगढ़ की पौराणिक, ऐतिहासिक, साहित्यिक और गंगा-जमुनी विरासत को समेटे साधना, सर्जना, संघर्ष, सद्भाव और साझा संस्कृति थीम पर जिला मुख्यालय और तहसील स्तर पर 16,17 व 18 दिसंबर तक कराए जाने वाले 'आजमगढ़ महोत्सव' पर मंथन किया गया।

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सबसे पहले तहसील स्तर पर सात से 14 दिसंबर तक कार्यक्रम होंगे। जिलाधिकारी ने बताया कि जिला स्तर पर आइटीआइ ग्राउंड में आयोजित कार्यक्रम में तहसील स्तर पर प्रथम, द्वितीय व तृतीय स्थान प्राप्त टीमों की प्रतियोगिता होगी। इसमें लोक गायन, लोक नृत्य के अलावा हालैंड के कलाकार भोजपुरी गीत प्रस्तुत करेंगे। कवि सम्मेलन, मुशायरा, सरकारी विभागों के स्टाल, ओडीओपी, मुबारकपुर की साड़ी, रंगोली, चित्रकला प्रतियोगित आयोजित की जाएगी। नेहरू हाल में गोष्ठी, कुंवर सिंह उद्यान में बेबी शो, वेजीटेवल शो, खादी शो, हम किसी से कम नहीं कार्यक्रम, परंपरागत वेशभूषा पर आधारित 'मिसेज आजमगढ़' प्रतियोगिता होगी। राहुल प्रेक्षागृह में नाटक एवं नेशनल बुक्स ट्रस्ट का पुस्तक मेला, शिब्ली कालेज में युवा पार्लियामेंट आदि के साथ ही रिक्शा दौड़, तमसा नदी में नौका दौड़, मिनी मैराथन आदि के कार्यक्रम किए जाएंगे। जिलाधिकारी ने कहा कि समस्त संस्थाओं, टीम व लीडर्स जिनकी आजमगढ़ महोत्सव में भूमिका है, वे तीन से चार दिन के अंदर कार्यक्रम की कार्ययोजना बनाकर उपलब्ध करा दें।

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तहसीलवार ये होंगे आयोजन

डीएम ने सभी एसडीएम से महोत्सव की तैयारियों के संबंध में जानकारी प्राप्त की। बताया गया कि तहसील स्तर पर स्थान, सांस्कृतिक कार्यक्रम की थीम में तहसीलवार लोकगीत, कहरवा, धोबिया, आल्हा, कजरी आदि, खेलकूद, समूह नृत्य, समूह गायन, मेंहदी, रंगोली, चित्रकला, प्रदर्शनी, स्थानीय कलाकारों के कार्यक्रम, राष्ट्रीय ग्रामीण आजिविका मिशन के समूह की महिलाओं के बनाए गए उत्पाद का स्टाल आदि लगाया जाएगा। निर्देश दिया कि प्रायोजक उन्हीं को बनाएं, जिसकी समाज में अच्छी छवि हो।


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