रहिए सावधान, सितम ढाने को तैयार है मौसम
- तापमान -अधिकतम 26 तो न्यूनतम रहा 14 डिग्री सेल्सियस -सुबह-शाम ठंड और दोपहर की धूप पड़
- तापमान
-अधिकतम 26 तो न्यूनतम रहा 14 डिग्री सेल्सियस
-सुबह-शाम ठंड और दोपहर की धूप पड़ सकती है भारी
-बाहर टहलने की बजाय घर का बरामदा होगा फायदेमंद
जागरण संवाददाता, आजमगढ़ : मौसम का मिजाज बदलने के साथ तापमान भी सितम ढाने को तैयार हो रहा है।दो दिन पहले न्यूनतम 16 डिग्री से घटकर 14 पर जा पहुंचा है।सुबह-शाम ठंड और दोपहर में धूप बीमारियों का कारण बन सकती है। ठंड का अहसास बच्चों और युवाओं भले नहीं हो रहा है, लेकिन उसका असर साफ तौर पर देखा जा रहा है जब सर्दी-जुकाम से त्रस्त होकर लोग डाक्टर के पास पहुंच रहे हैं।
चिकित्सकों का कहना है कि सर्द मौसम से ज्यादा घातक तापमान में उतार-चढ़ाव होता है। सलाह दी कि बच्चों को हर वक्त पूरा कपड़ा पहनाएं और ध्यान रखें कि पानी में ज्यादा देर तक न रहें। हल्की सी भी सर्दी हो, तो तुरंत डाक्टर से मिलें, क्योंकि यही सर्दी निमोनिया का कारण बन सकती है।अस्थि रोगियों को तो ठंड से पूरा परहेज करना चाहिए, क्योंकि ठंड में तकलीफ बढ़ने की पूरी संभावना रहती है।
मौसम पर एक नजर डालें तो शुक्रवार को आबोहवा खराब होने के संकेत मिले। एक्यूआइ 258 पर पहुंच गया।अधिकतम तापमान 26 डिग्री सेल्सियस, तो न्यूनतम तापमान 14 डिग्री सेल्सियस रहा। आर्द्रता 50 फीसद तो ²श्यता 14 किमी रही। पछुआ हवा की गति दो से पांच किमी घंटे रही।
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व्यायाम के साथ घर में दवा खोजें अस्थि रोगी: डा. एचपी सिंह
आजमगढ़ : प्रसिद्ध अस्थि रोग विशेषज्ञ डा. एचपी सिंह ने कहा कि ठंड के मौसम में अस्थि रोगियों की समस्या बढ़ जाती है।मांसपेशियां अकड़ने के कारण जोड़ों के दर्द वालों की तकलीफ बढ़ जाती है। जिनकी हड्डी कभी टूटी होती है उनकी तकलीफ भी बढ़ जाती है। ऐसे में ठंड से बचाव और धूप लेना बहुत जरूरी है। जाड़े की धूप ऐसे रोगियों के लिए दवा का काम करती है। जोड़ों के दर्द के शिकार लोगों को ठंड से बचाव के साथ व्यायाम बहुत जरूरी है।विटामिन डी के लिए मेडिकल हाल का रुख करने की बजाय हल्दी के साथ दूध, अंडा की जर्दी, कच्चा लहसुन, अंकुरित मूंग व चना का सेवन करना चाहिए। चाय में अदरक जरूरी है। अस्थि रोगियों के लिए घर का बना अच्छा भोजन और नियमित व्यायाम से बड़ा कोई इलाज नहीं है।बाकी ज्यादा दिक्कत हो, तो चिकित्सक से संपर्क करें।