कोहरा है! बीमार हैं तो छोड़ दीजिए मार्निग वाक
-मौसम -अधिकतम 27 तो न्यूनतम रहा 14 डिग्री सेल्सियस तापमान -सुबह और शाम के बाद छाया रह
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-अधिकतम 27 तो न्यूनतम रहा 14 डिग्री सेल्सियस तापमान
-सुबह और शाम के बाद छाया रहा कोहरा, ²श्यता 14 किमी
जागरण संवाददाता, आजमगढ़ : मौसम का मिजाज हर दिन बदल रहा है।रविवार को सुबह और शाम के बाद कोहरा छाया रहा। गनीमत यह कि ²श्यता अभी 14 किमी तक रही इसलिए वाहन चालकों की परेशानी नहीं बढ़ी है, लेकिन शारीरिक रूप से कमजोर और बीमारों के साथ समस्या बढ़ गई है।मौसम की बेरूखी को देख चिकित्सक ने भी मार्निंग वाक का शौक छोड़ने की सलाह दी है।
दो दिन पहले न्यूनतम तापमान 16 डिग्री से घटकर 14 पर जा पहुंचा है।सुबह-शाम कोहरा और दोपहर में धूप के बीच गलन बढ़ी तो कान में मफलर लगाना पड़ गया।ठंड का अहसास बच्चों और युवाओं को भले नहीं हो रहा है, लेकिन वृद्ध और बीमारों पर इसका असर दिखने लगा है।चिकित्सकों का कहना है कि सर्द मौसम से ज्यादा घातक तापमान में उतार-चढ़ाव होता है। सलाह दी कि बच्चों को हर वक्त पूरा कपड़ा पहनाएं और ध्यान रखें कि पानी में ज्यादा देर तक न रहें। हल्की सी भी सर्दी हो, तो तुरंत डाक्टर से मिलें, क्योंकि यही सर्दी निमोनिया का कारण बन सकती है। अस्थि रोगियों को तो ठंड से पूरा परहेज करना चाहिए, क्योंकि ठंड में तकलीफ बढ़ने की पूरी संभावना रहती है।
मौसम पर एक नजर डालें तो रविवार को आबोहवा खराब होने के संकेत मिले। एक्यूआइ 258 पर पहुंच गया।अधिकतम तापमान 27 डिग्री सेल्सियस, तो न्यूनतम तापमान 14 डिग्री सेल्सियस रहा। आर्द्रता 44 फीसद तो ²श्यता 14 किमी रही। पछुआ हवा की गति दो से पांच किमी घंटे रही।
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समस्या बढ़े तो तुरंत पहुंचे चिकित्सक के पास: डा. एके राय
आजमगढ़ : शहर के वरिष्ठ फीजिशियन डा. एके राय ने कहा कि सर्द मौसम में तरह-तरह की समस्याएं आती हैं, लेकिन हाई ब्लड प्रेशर, हर्ट, शुगर व दमा के मरीजों को ज्यादा सावधानी बरतने की जरूरत है।सुबह के कोहरे में डस्ट का अंश दमा के रोगियों के लिए ज्यादा घातक होता है। हाई बीपी व हर्ट के मरीजों को ठंड से बचने की ज्यादा जरूरत है, क्योंकि इस मौसम में ब्लड का मूवमेंट स्लो हो जाता है और यह स्थिति लकवा का कारण बन सकती है। ऐसे मरीजों को बहुत सुबह उठने की बजाय धूप निकलने पर उठना चाहिए। समस्या बढ़े तो अपने डाक्टर से मिलकर दवा का डोज एडजेस्ट करा लेना चाहिए।