सावधान! बदलता तापमान कर सकता है परेशान
- मौसम - आसमान में बादल देख अन्नदाताओं की भी चिता बढ़ी - सुबह सड़क पर टहलने की आदत पड
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- आसमान में बादल देख अन्नदाताओं की भी चिता बढ़ी
- सुबह सड़क पर टहलने की आदत पड़ सकती है भारी जागरण संवाददाता, आजमगढ़ : दिसंबर का महीना शुरू होने के साथ ठंड ने दस्तक दे दी है। गुरुवार को सुबह से ही आसमान में हल्के बादल छाए रहे। हालांकि धूप भी निकली, लेकिन उसका कोई लाभ नहीं मिला। मौसम का रुख देख अन्नदाताओं की भी चिता बढ़ गई है, क्योंकि डंठल नम होने पर धान की मड़ाई प्रभावित होगी।
चिकित्सकों का कहना है कि मौसम का उतार-चढ़ाव सब पर भारी पड़ सकता है। खासतौर पर बच्चों और बीमारों पर ठंड का असर ज्यादा होता है, क्योंकि बच्चों को अहसास तो नहीं होता, लेकिन असर जरूर होता है। चिकित्सकों का कहना है कि सावधानी तो सबके लिए जरूरी है, लेकिन अस्थि रोगियों की समस्या ज्यादा बढ़ती है।आबोहवा खराब होने के संकेत मिलने शुरू हो गए हैं। गुरुवार को एक्यूआइ 211 पर पहुंच गया।अधिकतम तापमान 26 डिग्री सेल्सियस, तो न्यूनतम तापमान 15 डिग्री सेल्सियस रहा। आर्द्रता 50 फीसद तो ²श्यता 14 किमी तक जा सिमटी। पछुआ हवा की गति दो से छह किमी प्रति घंटे रही। अस्थि रोगी रखें अपना ध्यान
आजमगढ़ : मंडलीय जिला अस्पताल के अस्थि रोग विशेषज्ञ डा. अभिषेक सिंह ने कहा कि ठंड के मौसम में अस्थि रोगियों की समस्या बढ़ जाती है। मांसपेशियां अकड़ने के कारण जोड़ों के दर्द वालों की तकलीफ बढ़ जाती है। जिनकी हट्टी कभी टूटी होती है उनकी तकलीफ भी बढ़ जाती है। ऐसे में ठंड से बचाव और धूप लेना बहुत जरूरी है। जाड़े की धूप ऐसे रोगियों के लिए दवा का काम करती है। जोड़ों के दर्द के शिकार लोगों को ठंड से बचाव के साथ व्यायाम बहुत जरूरी है। विटामिन डी के लिए मेडिकल हाल का रुख करने की बजाय हल्दी के साथ दूध, अंडा की जर्दी, कच्चा लहसुन, अंकुरित मूंग व चना का सेवन करना चाहिए। चाय में अदरक जरूरी है। अस्थि रोगियों के लिए घर का बना अच्छा भोजन और नियमित व्यायाम से बड़ा कोई इलाज नहीं है।