गंदगी पर वार, स्वच्छता को युवाओं ने समर्पित किया हर बुधवार
आजमगढ़ ....................... एक वाकए से युवाओं का मन सहसा विचलित तो हुआ लेकिन जब संभला तो पीछे मुड़कर नहीं देखा। चार साल पूर्व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के सपने 'स्वच्छ समाज, स्वच्छ समाज' को साकार करने का पूरे देश में अभियान चलाया। सरकारी तंत्र इसमें कितना सफल हुआ यह तो यही जाने लेकिन इससे इतर युवाओं की टोली 'गंदगी पर वार, स्वच्छता को समर्पित हर बुधवार' का जो अभियान चलाया है, वह निश्चित की हर किसी को स्वच्छता के प्रति प्रेरित कर रहा है।
अनिल मिश्र, आजमगढ़
---------------
एक वाकये से युवाओं का मन सहसा विचलित तो हुआ लेकिन जब संभला तो फिर पीछे मुड़कर नहीं देखा। चार साल पूर्व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के सपने 'स्वच्छ भारत, स्वच्छ समाज' को साकार करने का पूरे देश में अभियान चलाया। सरकारी तंत्र इसमें कितना सफल हुआ यह तो तंत्र ही जाने लेकिन इससे इतर युवाओं की टोली 'गंदगी पर वार, स्वच्छता को समर्पित हर बुधवार' का जो अभियान चलाया है, वह निश्चित की हर किसी को स्वच्छता के प्रति प्रेरित कर रहा है। गंदगी के खिलाफ वार अभियान की शुरुआत जिलाधिकारी कार्यालय (कलेक्ट्रेट) के ठीक सामने स्थित सुलभ शौचालय से उठ रही दुर्गध से होती है। इसी बीच वहां मौजूद कुछ युवाओं ने इस संबंध में नगर पालिका प्रशासन के साथ ही जिला प्रशासन का ध्यान आकृष्ट कराया लेकिन इस दिशा में कोई पहल नहीं हुई। खास बात यह कि वह 2017 में अगस्त क्रांति की नौ तारीख थी। फिर क्या युवाओं ने खुद शौचालय साफ कर सरकारी व्यवस्था को आईना दिखाया। इसके बाद तो युवाओं ने बिना किसी की बात की परवाह किए लोगों को स्वच्छता के प्रति जागरूक करने का अभियान चलाने का संकल्प लिया। 'जागो युवा संस्थान' नाम से सामाजिक संगठन बनाया। इसके लगभग 50 सदस्य विभिन्न स्कूल व कालेजों के छात्र हैं। शहर के विभिन्न स्थानों पर लगी महापुरुषों की प्रतिमाओं की सफाई के अलावा शहर की गली व मोहल्लों और सार्वजनिक स्थलों की सफाई के प्रति लोगों को जागरूक करने के अभियान का अब तक 59 बुधवार पूरे हो चुके हैं। युवाओं का नेतृत्व कर रहे विनीत ¨सह रिशू की मानें तो कोई कुछ भी कहे लेकिन यह अभियान चलता रहेगा। ''आखिर हम कब तक सरकारी व्यवस्था के भरोसे रहेंगे। इस सोच को नहीं बदलेंगे तो मानसिक व बौद्धिक रूप से कमजोर होते जाएंगे। कलेक्ट्रेट के सामने स्थित शौचालय से उठ रही दुर्गध कुछ लोगों के लिए भले ही छोटी हो लेकिन इसका दूरगामी दुष्परिणाम क्या होगा, शायद इससे बहुत से लोग अनभिज्ञ हैं। जब किसी ने नहीं सुनी तो मन में पीड़ा बहुत हुई लेकिन दिल मजबूत था। गंदगी के खिलाफ अभियान शुरू करने का मन बनाया तो युवाओं का साथ मिलता गया। लोगों को उनके कर्तव्य के प्रति जागरूक करने के लिए अब यह कारवां बढ़ता ही जाएगा।''
-विनीत ¨सह 'रिशु', अध्यक्ष, जागो युवा संस्थान, आजमगढ़।