अर्जुन हत्याकांड में आरोपित पति-पत्नी को आजीवन कारावास
अतरौलिया थाना क्षेत्र के डेमुडीहा गांव में लगभग पांच वर्ष पूर्व हुए अर्जुन हत्याकांड की सुनवाई करते हुए कोर्ट ने दोषी पाए गए पति-पत्नी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई।
विधि संवाददाता, आजमगढ़ : अतरौलिया थाना क्षेत्र के डेमुडीहा गांव में लगभग पांच वर्ष पूर्व हुए अर्जुन हत्याकांड की सुनवाई करते हुए कोर्ट ने दोषी पाए गए पति-पत्नी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई। इसी के साथ ही अदालत ने दोनों पर 75-75 हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया है। उक्त अर्थदंड की धनराशि में तीन चौथाई धनराशि मृत युवक की पत्नी को दिये जाने का आदेश दिया है। उक्त फैसला मंगलवार को अपर सत्र न्यायाधीश कोर्ट नंबर तीन लालता प्रसाद ने सुनाया।
अभियोजन कथन के अनुसार अतरौलिया थाना क्षेत्र के डेमुडीहा (गोसाई का पुरा) गांव निवासी व वादी मुकदमा माता प्रसाद पुत्र सूबेदार ने अपने भाई सागर गिरी व सागर की पत्नी संध्या गिरी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करायी थी। वादी मुकदमा का आरोप था कि उसके भाई अर्जुन गिरी का दूसरे भाई सागर गिरी से रुपये के लेनदेन का विवाद चल रहा था। इसी विवाद को लेकर 23 जून 2014 की रात लगभग 8 बजे सागर व उसकी पत्नी संध्या ने लाठी डंडा व चाकू से मारकर अर्जुन को बुरी तरह से घायल कर दिया। घायलावस्था में अर्जुन को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया। जहां 25 जून 2014 को इलाज के दौरान अर्जुन की मौत हो गई। पुलिस ने जांच करने के बाद सागर व संध्या गिरी के विरुद्ध चार्जशीट कोर्ट में प्रेषित किया। सहायक शासकीय अधिवक्ता प्रमोद कुमार कुमार सिंह ने नीतू गिरी, माता प्रसाद, डॉ. रमेश कुमार सोनकर, डॉ. यूबी चौहान, उपनिरीक्षक राणा प्रताप सिंह व विवेचक कृपाशंकर मौर्य को बतौर गवाह न्यायालय में परीक्षित कराया। दोनों पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद अदालत ने आरोपित सागर गिरी व संध्या गिरी को आजीवन कारावास के साथ ही प्रत्येक को 75-75 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई।