प्रबंधकों के प्रस्तुत शैक्षिक गुणांक को आधार मानकर अनुमोदन
आजमगढ़ मंडलीय टीम की जांच में अशासकीय सहायता प्राप्त जूनियर हाईस्कूलों में 20 प्रधानाध्यापक 45 कला वर्ग व भाषा विषय व 20 विज्ञान विषय के सहायक अध्यापकों के चयन में अनियमितताएं मिली हैं। मंडलायुक्त कनक त्रिपाठी ने इसे गंभीरता से लेते हुए बीएसए देवेंद कुमार पांडेय के निलंबन और उनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई की संस्तुति शासन से की है। वहीं नियम विरुद्ध की गई नियुक्तियों को निरस्त करने के साथ ही सतर्कता विभाग से पूरे प्रकरण की जांच की शिफारिश की है। लेकिन इन सारे खेल में संबंधित विद्यालय प्रबंधकों की मनमानी भी जांच में उजागर हुई है।
जागरण संवाददाता, आजमगढ़ : मंडलीय टीम की जांच में अशासकीय सहायता प्राप्त जूनियर हाईस्कूलों में 20 प्रधानाध्यापक, 45 कला वर्ग व भाषा विषय व 20 विज्ञान विषय के सहायक अध्यापकों के चयन में अनियमितताएं मिली हैं। मंडलायुक्त कनक त्रिपाठी ने इसे गंभीरता से लेते हुए बीएसए देवेंद कुमार पांडेय के निलंबन और उनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई की संस्तुति शासन से की है। वहीं, नियम विरुद्ध की गई नियुक्तियों को निरस्त करने के साथ ही सतर्कता विभाग से पूरे प्रकरण की जांच की सिफारिश की है। इन सारे खेल में संबंधित विद्यालय प्रबंधकों की मनमानी भी जांच में उजागर हुई है।
कमिश्नर ने बताया कि जांच समिति की रिपोर्ट में यह पाया गया कि प्रबंधकों ने त्रुटिपूर्ण विज्ञापन निकलवाया। मनमाने ढंग से आवश्यकता न होते हुए भी कला वर्ग व भाषा विषय में चयनित अध्यापकों की नियुक्ति का बिना परीक्षण किए ही बीएसए ने अनुमोदन कर दिया, जो पूर्णतया अनियमित है। 20 अशासकीय अनुदानित जूनियर हाईस्कूलों में विज्ञान विषय में 20 सहायक अध्यापक व सहायक अध्यापिकाओं के गलत चयन का भी अनुमोदन किया गया। गणित विषय में किसी अध्यापक के कार्यरत होने की पुष्टि किए बिना विज्ञान वर्ग से भरे जाने की अनुमति संस्था प्रबंधक को दी गई है। अधिकांश विद्यालयों में विज्ञान अध्यापक के रूप में वनस्पति विज्ञान व जीव विज्ञान से स्नातक चयनित अभ्यर्थियों को अनुमोदन दिया गया है। जबकि अधिकांश विद्यालयों में गणित विषय के अध्यापन को कोई शिक्षक उपलब्ध नहीं हैं। विज्ञापन के बाद कुल प्राप्त आवेदन पत्रों का विवरण भी प्रबंधक द्वारा उपलब्ध नहीं कराया गया है। केवल चयनित अभ्यर्थियों के अंक पत्र व प्रमाण पत्र ही पत्रावली पर पाए गए। बीएसए ने बिना अन्य अभ्यर्थियों के अंकपत्रों को प्राप्त किए व बिना परीक्षण किए प्रबंधकों द्वारा प्रस्तुत शैक्षिक गुणांक को आधार मानकर अनुमोदन दिया गया है।