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30 साल से डा. आंबेडकर पुस्तकालय को किसी भगीरथ की प्रतीक्षा

-भवन की उम्र पूरी हो गई है रिपोर्ट लगा चुका है लोक निर्माण विभाग -अगस्त 1997 में 85.35 लाख

By JagranEdited By: Published: Thu, 01 Jul 2021 12:13 AM (IST)Updated: Thu, 01 Jul 2021 12:13 AM (IST)
30 साल से डा. आंबेडकर पुस्तकालय को किसी भगीरथ की प्रतीक्षा
30 साल से डा. आंबेडकर पुस्तकालय को किसी भगीरथ की प्रतीक्षा

-भवन की उम्र पूरी हो गई है, रिपोर्ट लगा चुका है लोक निर्माण विभाग

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-अगस्त 1997 में 85.35 लाख की लागत से निर्माण को मिली थी मंजूरी

-79.53 लाख के उपभोग के बाद भी परियोजना की रफ्तार पर लगा ब्रेक

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-85.35 लाख रुपये की स्वीकृति।

-85.35 लाख रुपये का आवंटन।

-79.53 लाख रुपये का उपभोग।

-5.82 लाख रुपये अभी भी शेष।

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(पुनरीक्षित आगणन)

-96.01 लाख..01-06-2004

-112.05 लाख..06-09-2007

-113.04 लाख..22-07-2008

-116.52 लाख..10-05-2012

जागरण संवाददाता, आजमगढ़ : 30 वर्ष से शहर के आराजीबाग में अधूरे पड़े डा. आंबेडकर पुस्तकालय को भगीरथ जैसा कोई अफसर नहीं मिल रहा है। हर नए वित्तीय वर्ष में शासन-प्रशासन की ओर से अधूरी परियोजनाओं को पूरा करने और पूर्ण हो चुकी परियोजनाओं को जनता को सौंपने की संभावनाएं जताई जा रहीं हैं। जबकि संविधान शिल्पी बाबा साहब भीमराव आंबेडकर के नाम पर पुस्तकालय भवन के पूरे होने की अभी संभावना नहीं दिख रही है। लोक निर्माण विभाग की टीम ने जांच आख्या में अवगत करा दिया है कि यदि समय रहते कार्य पूरा नहीं कराया गया तो सरकारी क्षति से इंकार नहीं किया जा सकता, क्योंकि देखरेख के अभाव में भवन की उम्र लगभग पूरी हो गई है।

25 अगस्त 1997 को समाज कल्याण निदेशालय से डा. आंबेडकर पुस्तकालय भवन निर्माण के लिए 85.35 लाख रुपये की मंजूरी मिली थी, जिसके सापेक्ष पूर्ण धनराशि आवंटित कर दी गई। इसमें से 79.53 लाख रुपये का उपभोग कर लिया गया। 5.82 लाख रुपये शेष है और कार्य अपूर्ण। सचिव लोक निर्माण विभाग व जिला नोडल अधिकारी रंजन कुमार ने सात फरवरी को जिला भ्रमण के दौरान संज्ञान लिया तो लोक निर्माण विभाग की टीम ने निरीक्षण किया। रिपोर्ट में बताया गया कि धनाभाव में 18 वर्ष (2002) से निर्माण बंद है।

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रिपोर्ट में भवन की स्थिति

भवन के अंदर व बाहर अत्यधिक गंदगी है। भवन के बाहर बड़ी-बड़ी झाड़ियां उग गई हैं, जो भवन को क्षतिग्रस्त कर रही हैं। भवन का प्लास्टर स्तर तक कार्य पूर्ण है लेकिन कई स्थानों पर फर्श व दीवार के प्लास्टर क्षतिग्रस्त हो गए हैं। खिड़कियों के शीशे टूटे हुए हैं। सेनेट्री, वाटर सप्लाई और विद्युतीकरण का कार्य अधूरा है। भवन की छत कई स्थानों पर टूटी पाई गई।

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2018 में 33.01 लाख का बना था आगणन

पुनरीक्षित धनराशि की स्वीकृति प्राप्त न होने पर तत्कालीन मंडलायुक्त ने 18 अगस्त 2018 को बैठक में डा. आंबेडकर पुस्तकालय भवन को चालू करने के लिए संबंधित विभाग को न्यूनतम आगणन प्रस्तुत करने का निर्देश दिया था। 28 अगस्त 2018 को 33.01 लाख रुपये का आगणन समाज कल्याण विभाग को प्रेषित किया गया लेकिन स्वीकृति अभी तक प्राप्त नहीं हुई।

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अधूरे पड़े भवन के संबंध में रिपोर्ट ली जाएगी। किस कारण परियोजना पूरी नहीं हो सकी, उसके संबंध में जानकारी लेकर शासन को प्रस्ताव भेजा जाएगा।

--राजेश कुमार, जिलाधिकारी।


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