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उद्योपति से राजनेता बने अमर सिंह

उद्योगपति से राजनेता बने थे अमर सिंह

By JagranEdited By: Published: Sat, 01 Aug 2020 08:40 PM (IST)Updated: Sun, 02 Aug 2020 06:07 AM (IST)
उद्योपति से राजनेता बने अमर सिंह
उद्योपति से राजनेता बने अमर सिंह

जीवन गाथा

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जागरण संवाददाता, आजमगढ़ : अमर सिंह का जन्म जन्म वर्ष 1956 में प्रदेश के अलीगढ़ जनपद में उद्योगपति पिता हरीश चंद्र सिंह व मां शैल कुमारी सिंह के घर हुआ था। उन्होंने बीए, एलएलबी की डिग्री प्राप्त की। वर्ष 1987 में पंकजा कुमारी सिंह से शादी की और उनकी दो बेटियां हैं। उद्योगपति से राजनेता बने सिंह अमर सिंह उत्तर प्रदेश के समाजवादी पार्टी के नेताओं में से एक थे। वे समाजवादी पार्टी के महासचिव और राज्यसभा के सदस्य बने। छह जनवरी 2010 को उन्होंने समाजवादी पार्टी के सभी पदों से इस्तीफा दे दिया और बाद में 2 फरवरी 2010 को इसके प्रमुख मुलायम सिंह यादव द्वारा पार्टी से निष्कासित कर दिया गया। उन्होंने 2011 में न्यायिक हिरासत में कुछ समय बिताया। वे आखिरकार राजनीति से सेवानिवृत्त हो गए। 2016 में वे समाजवादी पार्टी से फिर से जुड़ गए और राज्यसभा के लिए चुने गए। वर्ष 2011 में किया लोकमंच का गठन

अमर सिंह ने 2011 में अपनी खुद की राजनीतिक पार्टी राष्ट्रीय लोक मंच की शुरुआत की और 2012 के विधानसभा चुनावों में उत्तर प्रदेश की 403 सीटों में से 360 पर अपने उम्मीदवार खड़े किए। हालांकि उनकी पार्टी ने इन चुनावों में एक भी सीट नहीं जीती। वह मार्च 2014 में राष्ट्रीय लोकदल में शामिल हुए, उस वर्ष फतेहपुर सीकरी उत्तर प्रदेश से आम चुनाव लड़े और हार गए। अमर सिंह ने फिल्म हमारा दिल आपके पास है में एक छोटी सी भूमिका निभाई थी और निर्देशक शैलेंद्र पांडेय की फिल्म जेडी में एक राजनेता की भूमिका निभाई थी। कला संस्कृति, खेल, शिक्षा और दलितों के उत्थान, संगीत सुनने, फिल्में देखने और किताबें पढ़ने में उनकी विशेष रुचि थी। कई संस्थाओं के रहे सदस्य

इंडिया इंटरनेशनल सेंटर नई दिल्ली, एनओआइडीए गोल्फ क्लब, नई दिल्ली डीडीए स्पो‌र्ट्स कांप्लेक्स और आर्मी गोल्फ कोर्स के सदस्य रहे। इंडियन एयरलाइंस, भारतीय स्टेट बैंक और राष्ट्रीय कपड़ा निगम के निदेशक और उससे पहले कांग्रेस से जुड़े थे। जिला कांग्रेस कमेटी कोलकाता के सचिव बने। एआइसीसी और संयुक्त मोर्चा संचालन समिति के सदस्य थे। केंद्रीय विद्यालय संगठन के बोर्ड ऑफ गवर्नर, टेलीफोन सलाहकार समिति दूरसंचार जिला गाजियाबाद, टेलीफोन सलाहकार समिति, दूरसंचार जिला वाराणसी और हिदी सलाहकार रक्षा उत्पादन और आपूर्ति और रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन विभाग की समिति के सदस्य भी रहे। अखिल भारतीय महासचिव, समाजवादी पार्टी में राष्ट्रीय प्रवक्ता भी रहे। इन पदों का भी मिल था दायित्व

-जनवरी 2017 से मई 2019 तक टेलीफोन एडवाइ•ारी कमेटी के सदस्य।

-सितंबर 2017 से मई 2019 तक औद्योगिक समिति के सदस्य।

-सितंबर 2016 से मई 2019 तक पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय की सलाहकार समिति के सदस्य रहे।

-2016 समाजवादी पार्टी के समर्थन से एक स्वतंत्र सदस्य के रूप में उत्तर प्रदेश से राज्यसभा के लिए चुने गए।

-जनवरी 2010 में सदस्य जनसंख्या और सार्वजनिक स्वास्थ्य पर संसदीय मंच।

-मई 2008 से नवंबर 2008 तक सदस्य सार्वजनिक उपक्रमों की समिति।

-नवंबर 2008 में फिर से राज्यसभा के लिए चुने गए।

-सितंबर 2006 में सदस्य व्यवसाय सलाहकार समिति।

-अगस्त 2004 से मई 2009 और अगस्त 2009 से अध्यक्ष स्वास्थ्य और परिवार कल्याण पर संसदीय स्थायी समिति।

-अगस्त 2004 सदस्य सामान्य प्रयोजन समिति।

-जून 2003 से अगस्त 2004 तक सदस्य विशेषाधिकार समिति।

-मार्च 2002 से नवंबर 2002 तक सदस्य याचिकाओं पर समिति।

-नवंबर 2002 में पुन: राज्य सभा के लिए चुने गए।

-अप्रैल 2001 से दिसंबर 2002 सदस्य स्टॉक मार्केट घोटाले पर संयुक्त संसदीय समिति।

-1999 से 2001 तक सदस्य राज्य सभा के सदस्यों को कंप्यूटर के प्रावधान पर समिति।

-1999 में पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय के लिए सदस्य समिति, उत्तर रेलवे जोन के लिए अनौपचारिक सलाहकार समिति।

-1998 से 99 और अक्टूबर 2004 तक सदस्य वित्त मंत्रालय के लिए सलाहकार समिति।

-जून 1998 से फरवरी 2004 और अगस्त 2004 से अगस्त 2006 तक सदस्य वित्त संबंधी समिति।

-नवंबर 1996 में उन्हें राज्यसभा के लिए चुना गया।


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