स्मार्ट के बाद अब गोल्डेन कार्ड में भी खेल
आजमगढ़ गरीबों के स्वास्थ्य लाभ देने के लिए केंद्र सरकार की तरफ तमाम योजनाएं भले ही संचालित की जा रही हैं लेकिन विभागीय लोग ही इसे पलीता लगाने में लगे हुए हैं। कुछ साल पहले राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना चलाई गई थी। इसमें बिना इलाज कराएं ही विभिन्न अस्पतालों ने करोड़ों रुपये भुना लिए। इसे बंद कर सरकार ने पांच लाख की आयुष्मान योजना शुरू की तो इसमें भी खेल हो गया। यानी गरीबों को मिलने वाला हक अब पूरी तरह से फर्जीवाड़े का शिकार हो रहा है। जिला अस्पताल के आयुष्मान मित्र व उसके सहयोगी को हिरासत में लिए जाने के बाद अब विभाग पर उंगलियां उठनी शुरू हो गई हैं
जागरण संवाददाता, आजमगढ़ : गरीबों के स्वास्थ्य लाभ देने के लिए केंद्र सरकार की तरफ तमाम योजनाएं भले ही संचालित की जा रही हैं लेकिन विभागीय लोग ही इसे पलीता लगाने में लगे हुए हैं। कुछ साल पहले राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना चलाई गई थी। इसमें बिना इलाज कराएं ही विभिन्न अस्पतालों ने करोड़ों रुपये भुना लिए। इसे बंद कर सरकार ने पांच लाख की आयुष्मान योजना शुरू की तो इसमें भी खेल शुरू हो गया।
सात साल पहले राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनआरएचएम) के तहत हर गरीबों का स्वास्थ्य बीमा हुआ। जनपद में दर्जनों अस्पतालों का पैनल बनाया गया था। इसमें एक लाख तक मरीजों का निश्शुल्क उपचार किया जा रहा था। पात्र गरीबों का स्मार्ट कार्ड बनाया गया। तमाम प्राइवेट अस्पतालों ने गरीबों का स्मार्ट कार्ड लेकर कुछ इलाज कर करोड़ों रुपये भुना लिए थे। इसमें कई अस्पतालों का नाम भी उजागर हुआ। एफआइआर भी दर्ज कराई गई थी। यहीं नहीं एनआरएचएम घोटाले में तत्कालीन सीएमओ के विरुद्ध कार्रवाई की गई थी और प्रदेश स्तर पर सीएमओ का यह पद ही खत्म कर दिया गया था। इसके बाद स्वास्थ्य बीमा योजना भी लगभग बंद हो गई थी।