ग्रामीण न्यायालय के विरोध में चक्का जाम
= आक्रोश -परिसर में भ्रमण कर सरकार की नीतियों का किया विरोध जनप्रतिनिधियों की तरह
= आक्रोश
-परिसर में भ्रमण कर सरकार की नीतियों का किया विरोध, जनप्रतिनिधियों की तरह पेंशन भी मांगा
-न्यायिक कार्य से विरत रहे दीवानी न्यायालय के अधिवक्ता
-अब प्रत्येक बुधवार को न्यायिक कार्याें से विरत रहने का निर्णय जागरण संवाददाता, आजमगढ़ : ग्रामीण न्यायालय के विरोध में दीवानी न्यायालय अभिभाषक संघ के अधिवक्ताओं ने बुधवार को न्यायिक कार्य से विरत रहकर गिरजाघर चौराहे पर आधा घंटा के लिए चक्का जाम किया। इस दौरान सरकार की नीतियों के खिलाफ जमकर नारेबाजी की गई।
संघ के अध्यक्ष रामप्यारे सिंह व मंत्री देव नारायण शुक्ला के नेतृत्व में अधिवक्ताओं ने विचार-विमर्श के बाद न्यायालय परिसर का भ्रमण किया और उसके बाद गिरजाघर चौराहे पर पहुंचकर सरकार की नीतियों का विरोध किया।विगत दिनों ग्रामीण न्यायालय के विरोध में लगातार 15 दिनों तक न्यायिक कार्य से विरत रहने के बाद निर्णय लिया गया कि अब शनिवार की जगह बुधवार को पूरे दिन अधिवक्ता न्यायिक कार्य से विरत रहते हुए मांग पूरी होने तक प्रत्येक बुधवार को सरकार का विरोध करेंगे। जाम के दौरान बृजेश नंदन पांडेय, प्रभाकर सिंह, दयाराम यादव, रितेश कुमार द्विवेदी, सुभाष सिंह, पूर्व मंत्री अनिल राय, अरुण कुमार श्रीवास्तव, ओमप्रकाश मिश्रा, अनिल सिंह, नीरज द्विवेदी, अमरीश मिश्रा, एलके पांडेय, पंकज सिंह, ज्योति श्रीवास्तव आदि रहे।
इससे पहले संघ की कार्यवाही में यह भी निर्णय मांग उठाई गई कि जिस तरह सांसदों और विधायकों को पेंशन दिया जाता है उसी तरह अधिवक्ताओं को भी पेंशन व अन्य सुविधाएं दी जाएं।