एडीओ पंचायत व लेखपाल को प्रतिकूल प्रविष्टि
जागरण संवाददाता, आजमगढ़ : जिलाधिकारी नागेंद्र प्रसाद सिंह ने शनिवार को लालगंज तहसील के ग्राम पंचायत
जागरण संवाददाता, आजमगढ़ : जिलाधिकारी नागेंद्र प्रसाद सिंह ने शनिवार को लालगंज तहसील के ग्राम पंचायत ताहिरपुर के राजस्व ग्राम लफिया में चौपाल लगाकर सरकार द्वारा चलायी जा रही जनकल्याणकारी योजनाओं की समीक्षा की। उन्होंने ग्रामीणों से शौचालय, आवास, पेंशन, वरासत, राशनकार्ड, मनरेगा आदि के बारे में जानकारी प्राप्त की।
जिलाधिकारी ने बताया कि आवास के लिए 2011 में सेक सूची बनाई गई थी। सेक सूची के लाभार्थी को तीन वर्ष 2017, 2018 और 2019 में आवास का लाभ दिया गया और पुन: सर्वे किया गया कि किस-किस व्यक्ति के पास मकान नहीं है। उनको 2020 से आवास मिलेगा। कहा कि जिन लाभाíथयों के खाते में शौचालय का पैसा चला गया है और उनके शौचालय अभी तक अपूर्ण हैं या अभी तक अनारंभ हैं, उसे तीन दिन के अंदर पूर्ण कराने के लिए जिला पंचायत राज अधिकारी को निर्देश दिया। एडीओ पंचायत द्वारा गांव की मानीटरिग नहीं की गई। उन्हें शौचालय के बारे में जानकारी थी कि कितना अपूर्ण है या अनारंभ है। इस पर संबंधित अधिकारी को प्रतिकूल प्रविष्टि देने का निर्देश दिया। कुछ महिलाओं ने अभी तक वरासत न होने की जानकारी दी। महिलाओं की वरासत कराकर खतौनी उनके घर तक पहुंचाने का संबंधित अधिकारी को निर्देश दिया। राजस्व ग्राम लफिया के पूर्व लेखपाल छुट्टी पर हैं और अभी भी वरासत के प्रकरण लंबित रहने पर प्रतिकूल प्रविष्टि देने के लिए संबंधित अधिकारी को निर्देश दिया। इस अवसर पर पूर्वांचल विकास बोर्ड के उपाध्यक्ष नरेंद्र सिंह, सीडीओ आनंद कुमार शुक्ला, पीडी अभिमन्यु सिंह, डीडीओ रवि शंकर राय, डीसी एनआरएलएम बीके मोहन, डीसी मनरेगा बीबी सिंह, डीपीआरओ श्रीकांत दर्वे, डीपीओ मनोज कुमार मौर्य, जिला समाज कल्याण अधिकारी राजेश कुमार यादव थे।
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डिलेवरी को पैसे की मांग, होगी जांच
कुछ महिलाओं द्वारा शिकायत की गई कि अस्पताल में डिलेवरी के लिए पैसे की मांग की जाती हैं और दवाएं बाहर से लिखी जाती हैं। इस पर जिलाधिकारी ने सीएमओ डा. एके मिश्रा को निर्देश दिया कि इसकी जांच करें और संबंधित पर कार्रवाई करें।
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जैविक खेती का करें प्रयोग, न जलाएं पराली
डीएम ने कहा कि जैविक खेती का प्रयोग करें, पराली न जलाएं, पशुओं को भी अपना हिस्सा समझें और उनको खुला न छोड़ें। कहा कि आज हम सभी को तालाब, पोखरा, पेड़, पौधों आदि को बचाने की जरूरत है, जिससे हम अपने आने वाली पीढ़ी को स्वच्छ वातावरण दे सकें।