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55 नए स्टांप विक्रेताओं को जारी किए गए लाइसेंस

जागरण संवाददाता आजमगढ़ उपायुक्त स्टांप राजेंद्र सिंह की अध्यक्षता में कलेक्ट्रेट स्थित सहायक ।

By JagranEdited By: Published: Tue, 06 Oct 2020 05:44 PM (IST)Updated: Tue, 06 Oct 2020 05:44 PM (IST)
55 नए स्टांप विक्रेताओं को जारी किए गए लाइसेंस
55 नए स्टांप विक्रेताओं को जारी किए गए लाइसेंस

जागरण संवाददाता, आजमगढ़: उपायुक्त स्टांप राजेंद्र सिंह की अध्यक्षता में कलेक्ट्रेट स्थित सहायक आयुक्त स्टांप कार्यालय में बैठक हुई, जिसमें जिले के सभी स्टांप विक्रेता शामिल हुए।

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स्टाक होल्डिग कारपोरेशन आफ इंडिया लिमिटेड के प्रतिनिधि अमन सिंह ने बताया कि 55 नए स्टांप विक्रेताओं को एसीसी (प्राधिकृत संग्रह केंद्र) का लाइसेंस जारी किया जा चुका है। ये सभी ई-स्टांप विक्रेता सफलतापूर्वक कार्य कर रहे हैं। सभी तहसीलों में कुल 224 स्टांप विक्रेता कार्यरत हैं। वर्तमान में 10 स्टांप विक्रेताओं ने एसीसी (प्राधिकृत संग्रह केन्द्र) लाइसेंस के लिए आवेदन पत्र प्रस्तुत किए हैं।

सहायक आयुक्त स्टांप कहा है कि प्रदेश में फर्जी स्टांप के इस्तेमाल पर रोक लगाने के लिए राज्य सरकार लगातार कार्य कर रही है। इसी के तहत अब सरकार ई-स्टांपिग को बढ़ावा देने की कोशिश कर रही है। उत्तर प्रदेश ई-स्टांप जारी करने वाला देश का 10वां राज्य बन गया है। सहायक आयुक्त स्टांप मुकेश कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि वर्तमान में समस्त मूल्य के ई-स्टांप की सुविधा जनता को उपलब्ध कराई गई है। सरकार के इस पहल से फर्जी स्टांप के इस्तेमाल पर रोक लगेगी।

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ई-स्टांप जारी करने को बैंक अधिकृत

जिले की सभी तहसीलों के अधिकृत संग्रह केंद्रों पर 100 रुपये या 100 रुपये से नीचे के ई-स्टांप में शामिल किए गए है। स्टांप शुल्क की धनराशि (फेस वेल्यू) पर ही उपलब्ध हैं। बड़ौदा यूपी बैंक (काशी गोमती संयुत ग्रामीण बैंक), इलाहाबाद बैंक एवं पंजाब नेशनल बैंक ई-स्टांप जारी करने के लिए अधिकृत हैं।

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कंप्यूटर में दक्ष युवक-युवतियों को मिलेगा रोजगार

सरकार की योजना भविष्य में पूरी तरह से ई-स्टांपिग प्रणाली लागू करने की है। शासन की रोजगारपरक नीति के क्रियान्वयन के लिये ई-स्टांप को कंप्यूटर में दक्ष युवक व युवतियों को रोजगार के अवसर उपलब्ध होंगे।

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वर्जन--

''उत्तर प्रदेश सरकार की ई-स्टांपिग नीति से स्टांप की छपाई, ढुलाई आदि खर्चे कम हुए हैं। इस नीति से जन सामान्य को अधिक सुविधा मिलेगी। पक्षकारों को अपने अभिलेखों की सुरक्षा में अधिक आसानी होगी।

--गुरु प्रसाद गुप्ता, एडीएम वित्त एवं राजस्व।


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