निविदा प्रक्रिया के झोल में फंस गए 432 आवास
निविदा प्रक्रिया के झोल में फंस ही गया 432 आवास
जासं, आजमगढ़ : प्रधानमंत्री आवास योजना के घटक सहयोग से किफायती आवास का निर्माण आखिरकार टेंडर प्रक्रिया में फंस ही गई। तीसरी बार हुए टेंडर को अंतत: वित्त नियंत्रक ने एडीए के सभी दलील को खारिज करते हुए एकल आवेदन को अमान्य मानते हुए फिर से कराने को कहा। यह पत्रावली जब विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष व जिलाधिकारी के पास गई तो उन्होंने आदर्श चुनाव आचार संहिता के कारण चुनाव बाद ही ऑनलाइन आवेदन मांगे जाने की बात कही।
कार्यदायी संस्था एडीए (आजमगढ़ विकास प्राधिकरण) द्वारा सिधारी पर लगभग 1.50 हेक्टेयर में 432 आवासों का निर्माण कराया जाना है। इसके लिए एक फर्म के तकनीकी बिड की सहमति के बाद वित्तीय बिड भी खोली गई। फर्म द्वारा दी गई दर का परीक्षण में 2017 के शेड्यूल के अनुसार दर प्रेषित की गई है जिसमें लगभग सात फीसद अधिक है। उसके बाद राष्ट्रीय लोक निर्माण विभाग के डीएसआर (दिल्ली दर अनुभाग) द्वारा निर्धारित दर के अनुसार जस्टिफाई कर रिवाइज दर के साथ पत्रावली को वित्त नियंत्रक मुख्य कोषाधिकारी के पास भेजा गया। उन्होंने पहले तो एकल निविदा को अमान्य करते हुए लोकसभा चुनाव के मद्देनजर लगी आदर्श आचार संहिता के फिर से ऑनलाइन निविदा कराने की रिपोर्ट लगा दी। अब देखना है कि लोकसभा चुनाव बाद एडीए व जिला प्रशासन क्या निर्णय लेता है। ''एकल निविदा को रिवाइज दर के साथ परीक्षण के लिए दोबारा वित्त नियंत्रक मुख्य कोषाधिकारी के पास पत्रावली भेजी गई थी। उन्होंने मानक के अनुसार निविदा न होने के कारण अमान्य करते हुए आचार संहिता के बाद फिर से ऑनलाइन आवेदन की रिपोर्ट लगाई है। संबंधित पत्रावली जिलाधिकारी के पास भेज दी गई है।आगे जैसा होगा, किया जाएगा।''
-बाबू सिंह कुशवाहा, सचिव एडीए। ''आवास निर्माण के लिए निविदा मानक पर ही होनी चाहिए। वित्त नियंत्रक द्वारा जो भी रिपोर्ट लगाई गई है, उसके अनुसार फिर निविदा कराई जाएगी लेकिन लोकसभा चुनाव के लिए जारी आदर्श आचार संहिता के बाद ही।
-शिवाकांत द्विवेदी, जिलाधिकारी।