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अभियान में मिले फाइलेरिया के 415 नए मरीज

आजमगढ़ राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन द्वारा संचालित फाइलेरिया मुक्ति अभियान यानि मास ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन अभियान में जिले में 415 नए फाइलेरिया के मरीज पाये गए जिनका इलाज शुरू कर दिया गया है। इसमें 179 मरीज हाइड्रोसील 1

By JagranEdited By: Published: Fri, 12 Apr 2019 09:22 PM (IST)Updated: Fri, 12 Apr 2019 09:22 PM (IST)
अभियान में मिले फाइलेरिया के 415 नए मरीज
अभियान में मिले फाइलेरिया के 415 नए मरीज

जागरण संवाददाता, आजमगढ़ : राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन द्वारा संचालित फाइलेरिया मुक्ति अभियान यानी मास ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन अभियान में जिले में 415 नए फाइलेरिया के मरीज पाए गए, जिनका इलाज शुरू कर दिया गया है। इसमें 179 मरीज हाइड्रोसील, 180 मरीज हाथीपांव यानि पैरों में सूजन एवं 56 मरीज में हाथ में सूजन पाए गए।

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जिला मलेरिया अधिकारी राम नारायण ने बताया कि फाइलेरिया एक वेक्टरजनित रोग है, जो क्यूलेक्स मच्छर के काटने से फैलता है। इस रोग को फील पांव या हाथी पांव रोग भी कहा जाता है। शरीर के प्रभावित अंग में सूजन ही प्रमुख लक्षण है। हाथ-पैर में सूजन को लिम्फोडेमा कहा जाता है। इन रोगों का प्रारंभिक दौर में इलाज करने पर नियंत्रित किया जा सकता है। वेक्टरजनित रोग नियंत्रण कार्यक्रम के नोडल व अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. एके सिंह ने बताया कि जनपद में एमडीए अभियान में स्वास्थ्य विभाग की टीम ने डीईसी तथा अल्बेंडाजोल टैबलेट घर-घर जाकर लोगों को दवा खिलाई गई। जांच भी की गई। उन्होंने बताया कि यदि व्यक्ति लगातार पांच वर्ष तक एमडीए के दौरान डीईसी एवं अल्बेंडाजोल टैबलेट का सेवन करे तो फाइलेरिया रोग होने की संभावना कम हो जाती है। बुखार, बदन में खुजली, पुरुषों के जननांग में तथा उसके आसपास दर्द या सूजन, पैरों व हाथों में सूजन, हाथीपांव एवं हाईड्रोसिल फाइलेरिया के लक्षण हैं। इसके बचाव के लिए मच्छरदानी का प्रयोग, आस-पास साफ-सफाई रखें।


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