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28 विभागों ने अभी तक नहीं जमा किए 2643.07 लाख विद्युत बिल

जागरण संवाददाता आजमगढ़ विद्युत विभाग के घाटे में सरकारी कार्यालयों की भूमिका कम नहीं ह

By JagranEdited By: Published: Thu, 21 Jan 2021 10:32 PM (IST)Updated: Thu, 21 Jan 2021 10:32 PM (IST)
28 विभागों ने अभी तक नहीं जमा किए 2643.07 लाख विद्युत बिल
28 विभागों ने अभी तक नहीं जमा किए 2643.07 लाख विद्युत बिल

जागरण संवाददाता, आजमगढ़: विद्युत विभाग के घाटे में सरकारी कार्यालयों की भूमिका कम नहीं है। शासन के आदेश और आला अफसरों के समय-समय पर दिए गए निर्देश के बाद भी बकाया राजस्व जमा करने में कई विभाग अभी भी उदासीनता बरत रहे हैं। विभागीय आंकड़ों के अनुसार जिले के 28 विभागों पर 26 करोड़, 43 लाख, 07 हजार रुपये बिल का बकाया है।

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विभागीय आंकड़ों के अनुसार आबकारी विभाग पर 14. 59 लाख रुपये, कृषि विभाग पर 14.25 लाख रुपये, पशुधन पर 1.90 लाख रुपये, खेल विभाग पर 16.85 लाख रुपये, गृह विभाग पर 64.16 लाख रुपये, राजनीतिक पेंशन नागरिक सुरक्षा होमगार्ड पर 35 हजार रुपये, चिकित्सा शिक्षा विभाग पर 68 हजार रुपये, एलोपैथिक चिकित्सा विभाग पर दो करोड़, 18 लाख, 22 हजार रुपये, नगर विकास पर एक करोड़, 56 लाख, 93 हजार रुपये, परिवहन पर 75 हजार रुपये, प्राविधिक शिक्षा पर 10.92 लाख रुपये, राजस्व पर 1.35 लाख रुपये, लोक निर्माण विभाग पर 82.40 लाख रुपये, वन विभाग पर 26.16 लाख रुपये, वित्त विभाग 99 हजार रुपये, प्राविधिक शिक्षा पर 11 करोड़, 93 लाख, 27 हजार रुपये, माध्यमिक शिक्षा पर एक करोड़, 36 लाख, 80 हजार रुपये, जिला समाज कल्याण विभाग पर 52.75 लाख रुपये, सूचना विभाग पर तीन हजार रुपये, सिचाई विभाग पर 91.74 लाख रुपये, अन्य विभाग व डाक विभाग पर 3.82 लाख रुपये, पशु चिकित्सालय 6.23 लाख रुपये,पुलिस विभाग पर 22.02 लाख रुपये, खंड विकास अधिकारी (विकास खंड) पर 69.07 लाख रुपये, नागरिक उड्डयन(मंदुरी एयरपोर्ट) पर 59.02 लाख रुपये, जिला प्रशासन 23.61 लाख रुपये और ग्राम्य पेयजल योजना पर तीन करोड़, 72 लाख, 66 हजार रुपये बिजली बिल का बकाया है।

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टाप फाइव बकाएदार सरकारी विभाग(रुपये लाख में)

1-प्राथमिक शिक्षा-1193.27

2-एलोपैथिक चिकित्सा-218.22

3-नगर विकास-156.93

4-माध्यमिक शिक्षा-136.80

5-ग्राम्य पेयजल योजना-372.66

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वर्जन-एसडीओ

'' सभी संबंधित सरकारी विभागों के बकाया संबंधी बिल प्रत्येक माह भेजी जाती है। विभागों में जाकर मौखिक और टेलीफोन पर भी जमा करने के लिए कहा जाता है। लेकिन कुछ विभागों को छोड़ दिया जाए तो अभी काफी राजस्व बकाया है।

--बीरेंद्र कुमार सिंह, एसडीओ टाउन, प्रथम।


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