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कर्ज में फंसा है सहकारी समितियों के 27 करोड़

आजमगढ़ : उत्तर प्रदेश सरकार ने दयनीय जिला सहकारी बैंकों (डीसीबी) को सक्षम बनाने के लिए

By JagranEdited By: Published: Thu, 13 Sep 2018 11:57 PM (IST)Updated: Thu, 13 Sep 2018 11:57 PM (IST)
कर्ज में फंसा है सहकारी समितियों के 27 करोड़

आजमगढ़ : उत्तर प्रदेश सरकार ने दयनीय जिला सहकारी बैंकों (डीसीबी) को सक्षम बनाने के लिए हर तरह से प्रयास का भरोसा भले दिलाया है लेकिन यह राह आसान नहीं होगी। रेवड़ी की तरफ सहकारी बैंकों से बांटे गए कर्ज ने ही इस बैंक को धरातल पर लाकर खड़ा कर दिया। शासन को भी यह संज्ञान में है। किसानों के कर्ज माफी के साथ जनपद की 250 साधन सहकारी समितियों द्वारा छोटे से लेकर बड़े लोन (ऋण) में 27 करोड़ रुपये बकाया है, जिसकी वसूली नहीं हो पा रही है। यही कारण रहा कि दिन प्रतिदिन सहकारी बैंकों की स्थिति बद से बदतर होती जा रही है।

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जनपद में जिला मुख्यालय स्थित सहकारी बैंक की मुख्य शाखा के अलावा ग्रामीण क्षेत्रों में 24 शाखाएं हैं जो पूरी तरह सीबीएस सेवा से लैस हैं। उधर, दो वर्षों में साधन सहकारी समितियों के माध्यम से करोड़ों रुपये छोटे-बड़े किसानों को कर्ज दिए गए लेकिन उसकी वसूली नहीं हो पाई। नतीजा बैंकों के हालत दयनीय होती चली गई। इस दौरान दो बार किसानों की कर्ज माफी से सहकारी बैंकों की हालत और भी खस्ता होती चली गई। साधन सहकारी समितियों द्वारा दिए गए ऋण की वसूली न होने के कारण सहकारी बैंकों से लेन-देन पर असर पड़ने लगा। वर्तमान में हालत यह हो गई है कि सहकारी बैंकों के जमाकर्ताओं को उनकी मांग के अनुरूप भुगतान नहीं हो पा रहा है। हालांकि नवंबर 2014 में सहकारी बैंकों की स्थिति में सुधार के लिए सरकार ने 106.41 करोड़ रुपये दिए थे जिससे कुछ सुधार हुआ था लेकिन कब तक। कर्जमाफी के मद में भी सरकार की तरफ से तीन करोड़ रुपये भेजे गए थे जिससे कुछ सुधार हुआ। सहकारी बैंकों से जमाकर्ताओं के भुगतान तो होने लगे लेकिन जितना चाहिए उतना नहीं हो पा रहा है। हालांकि, सहकारी बैंकों का प्रमुख हिस्सा साधन सहकारी समितियों को सक्षम बनाने के लिए सरकार प्रति समिति पांच-पांच लाख रुपये अनुदान देने पर विचार कर रही है। यह अनुदान केंद्र सरकार की राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के तहत पांच फीसद ब्याज पर दिया जाएगा। बहरहाल, सहकारी बैंकों को समक्ष बनाए जाने के लिए कम से कम चार करोड़ और अधिकतम दस करोड़ रुपये मुहैया कराने की सरकार ने निर्णय लिया है जिसे 15 नवंबर तक दिया जाएगा। ऐसे में आने वाला समय बताएगा कि सहकारी बैंकों और साधन सहकारी समितियां सरकार के रहमोकरम पर कब तक सक्षम होंगी। ''जिले की साधन सहकारी समितियों द्वारा दिए गए लगभग 27 करोड़ रुपये की वसूली नहीं हो पा रही है। सरकार द्वारा नवंबर 1014 में दिए गए 106.41 करोड़ रुपये और फिर कर्जमाफी के मद में अभी जल्द ही तीन करोड़ रुपये दिए गए थे। इससे भुगतान में काफी सुधार हुआ है। जिन जमाकर्ताओं को शादी-विवाह या अन्य विशेष कार्य के लिए जमाराशि के तहत अधिक रुपये चाहिए उन्हें प्राथमिकता के आधार पर भुगतान किया जा रहा है। पांच-पांच लाख रुपये अनुदान मिलने पर साधन सहकारी समिति के साथ सहकारी बैंक की स्थिति काफी मजबूत होगी।''

-धीरेंद्र ¨सह, अनुभाग अधिकारी, जिला सहकारी बैंक, आजमगढ़।


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