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कब्जा में 22 बीघा का तालाब, कई पर भू-माफिया की नजर

नगर पालिका परिषद मुबारकपुर के बेश कीमती पोखरियों पर भू माफियाओं की नजर लग गई है। इन बेश कीमती पोखरियों को पाट कर अवैध कब्जा करने का खेल धड़ल्ले से चल रहा है। इस संबंध में जिला प्रशासन से लेकर शासन स्तर तक लोगों ने कई बार शिकायत की।

By JagranEdited By: Published: Tue, 08 Jan 2019 06:26 PM (IST)Updated: Wed, 09 Jan 2019 12:44 AM (IST)
कब्जा में 22 बीघा का तालाब, कई पर भू-माफिया की नजर
कब्जा में 22 बीघा का तालाब, कई पर भू-माफिया की नजर

आजमगढ़ : शासन के निर्देश पर जिले में एंटी भू-माफिया टॉस्क फोर्स का गठन हुआ है, लेकिन यह भी टीम कागज पर ही सिमट कर रह गई है। सार्वजनिक संपत्तियों पर कब्जे हो रहे हैं जिसकी शिकायत पब्लिक कर रही है, लेकिन अधिकारी मौन साधे हुए हैं। पुरारानी मोहल्ले में स्थित 22 बीघा के खजुआ पोखरा को भू-माफियाओं ने पाट कर कब्जा कर लिया है। मौके पर मात्र दो बीघा भूमि ही तालाब की नजर आती है। इतना ही नहीं नगर पालिका परिषद मुबारकपुर में एक-दो नहीं आधा दर्जन से अधिक पोखरियों पर भू-माफियाओं की नजर है। इन बेशकीमती पोखरियों को पाट कर अवैध कब्जा करने का खेल धड़ल्ले से चल रहा है। इस संबंध में जिला प्रशासन से लेकर शासन स्तर तक लोगों ने कई बार शिकायत की। शिकायत के बाद भी कोई कार्रवाई न होने से भू-माफियाओं के हौसले बुलंद हैं।

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मुबारकपुर कस्बा में नगर पालिका परिषद की लगभग 35 से अधिक पोखरे व पोखरियां हैं। नगर की गलियों व मोहल्ले से निकलने वाले नालों के पानी इन पोखरों में जाता है। लोगों का आरोप है कि इस पर भू-माफियाओं की नजर पड़ गई है। भू-माफिया राजस्व विभाग के साथ ही नगर पालिका चेयरमैन व कर्मियों की मिलीभगत से नपा के बेशकीमती पोखरे व पोखरियों पर गलत इंद्राज कराकर उसे भूमिधरी दर्शाते हुए अपने नाम करा लिए हैं। अपने नाम पोखरे व पोखरियों को खतौनी में दर्ज कराने के बाद भू-माफिया नपा के पोखरे को पाटकर उस पर अवैध कब्जा करते जा रहे हैं। इस संबंध में लोगों ने एसडीएम से लेकर डीएम व प्रशासन तक शिकायती पत्र भेजकर शिकायत दर्ज कराई। भू-माफियाओं के साथ ही नपा के लोग स्वयं इन पोखरों को पाटकर कब्जा करने में लगे हुए हैं।

मुबारकपुर नगर के वार्ड नंबर 22 पुरारानी के सभासद इरफान अहमद का आरोप है कि उनके वार्ड में बवालिया पोखरे को नगर पालिका के लोगों ने स्वयं पाटकर उस पर अवैध रूप से शौचालय का निर्माण करा दिया। वहीं नगर पालिका चेयरमैन करीमुन्निसा ने नपा द्वारा पोखरे को पाटकर शौचालय बनाए जाने की बात से इन्कार किया। उनका कहना है कि जिस शौचालय की बात की जा रही है, उक्त शौचालय को नपा ने अपनी बंजर भूमि पर बनवाया है। हल्के के लेखपाल ने इस बंजर भूमि पर शौचालय बनवाने के लिए अपनी रिपोर्ट एसडीएम को भेजी थी, उसी रिपोर्ट के आधार पर ही एसडीएम सदर ने शौचालय निर्माण के लिए नपा को उक्त बंजर भूमि एलाट किया है।

इसी प्रकार से पुरारानी मोहल्ले में स्थित 22 बीघा के खजुआ पोखरा को भू-माफियाओं ने पाटकर कब्जा कर लिया है। अली नगर मोहल्ला में स्थित पांच बीघा के झिझिया पोखरा को भी पाट दिया गया है। पुरारानी मोहल्ला में स्थित 12 बीघा के पोखरे को वर्तमान में तेजी के साथ पाटे जाने का खेल खुलेआम चल रहा है। मोहल्ला पुरा दीवान में स्थित आठ बीघा के अल्ताब पोखरे को भी आधा से अधिक भू-माफियाओं ने पाटकर कब्जा कर लिया है। हैदराबाद मोहल्ला में स्थित 15 बीघा पोखरा को भी भू-माफिया पाटने में लगे हुए हैं। मुबारकपुर वासियों का कहना है कि कस्बा में स्थित पोखरे व पोखरियों को पाटकर किए जा रहे अवैध कब्जा से जल निकासी की भी समस्या उत्पन्न हो गई है। अगर समय रहते प्रशासन ने कोई कार्रवाई नहीं की तो आने वाले दिनों में कस्बा में कोई भी पोखरा नजर नहीं आएगा। ''मुबारकपुर नगर पालिका के पोखरे व पोखरियों को पाटने या उस पर किए जा रहे अवैध कब्जा में चेयरमैन से लेकर नपा के कर्मियों का कोई रोल नहीं हैं। मुबारकपुर चेयरमैन करीमुन्निसा ने स्वयं नपा के पोखरे व पोखरियों को पाटकर किए जा रहे अवैध कब्जा रोकने के लिए प्रशासन से लेकर शासन स्तर तक पत्र भेज कार्रवाई की मांग कर चुके हैं। उनकी शिकायत पर जांच के लिए आए हल्का लेखपाल ने नपा को कोई सूचना दिए बगैर चोरी छिपे जांचकर उक्त सभी पोखरों को आबादी में दर्शाते हुए अपनी गलत रिपोर्ट लगाकर प्रशासन को भेज दिया। लेखपाल ने गलत रिपोर्ट देकर प्रशासन को भी गुमराह करने का प्रयास किया है। उन्होंने स्वयं प्रशासन से मांग की है कि सचल दस्ता गठित कर जांच कराई जाए। जिससे सैकड़ों वर्ष पूर्व से स्थित नपा के पोखरों के अस्तित्व को बचाया जा सके।''

-हाजी अब्दुल मजीद, सभासद व चेयरमैन प्रतिनिधि, नगर पालिका परिषद मुबारकपुर पाटे जा रहे पोखरे नपा की नहीं भूमिधरी है

मुबारकपुर नगर पालिका परिषद क्षेत्र में जो भी पोखरे व पोखरियां पाटी जा रही हैं, वह नपा की नहीं है। प्रशासन स्तर से जांच कराने पर पाया गया कि पाटे जा रहे सभी पोखरे व पोखरियां भूमिधरी है। जिन लोगों के नाम से भूमिधरी है वही लोग उक्त पोखरे को पाट रहे हैं। उन्होंने कहा कि कुछ लोग स्वयं इस पोखरे पर कब्जा करने के फिराक में लगे हुए थे। जब वे कब्जा नहीं कर पाए तो प्रशासन को गलत शिकायती पत्र देकर गुमराह करने का प्रयास कर रहे हैं।

-राजपति अभिचल, ईओ, नगर पालिका परिषद मुबारकपुर।


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