भगवान विष्णु लक्ष्मी के पूजन से मिलती संकटों से मुक्ति
- शरद पूर्णिमा पर लगाया जाता गाय के दूध से बनी खीर का भोग जागरण संवाददाता औरैया एक ि
- शरद पूर्णिमा पर लगाया जाता गाय के दूध से बनी खीर का भोग
जागरण संवाददाता, औरैया : एक विचित्र पहल सेवा समिति की महिला शाखा तुलसी द्वारा शरद पूर्णिमा पर शनिवार को रुहाई मोहाल स्थित भोलेश्वर मंदिर पर भजन संकीर्तन के उपरांत प्रसाद में खीर का वितरण किया।
अध्यक्ष बबिता ने भगवान विष्णु व मां लक्ष्मी का विधि विधान से पूजन अर्चन किया। उन्होंने बताया कि आज की रात्रि मां लक्ष्मी धरती पर विचरण करती हैं। गाय के दूध से बनी खीर चंद्रमा के आशीष से अमृततुल्य हो जाती है। पूर्णिमा की रात्रि देवताओं द्वारा अमृत वर्षा का लेख मिलता है। खीर ग्रहण करने से कई प्रकार के संकटों से मुक्ति मिलती है। राधा-कृष्ण के साथ समस्त प्राणियों को शरद पूर्णिमा का बेसब्री से इंतजार होता है। चंद्रदेव पूरी 16 कलाओं के साथ इस रात सभी लोकों को तृप्त करते हैं। शरद पूर्णिमा के दिन शहर व ग्रामीण क्षेत्रों में पारंपरिक रूप से टेसू-झेंझी का विवाह हर्षोल्लास से किया जाता है। जिसके उपरांत शादी-विवाह आदि मांगलिक कार्य विधिवत प्रारंभ हो जाते है। भारतीय परंपरा के अनुसार मध्य रात्रि चंद्रमा की पूजा करने का विधान भी है। आनंद नाथ गुप्ता एडवोकेट, सभासद छैया त्रिपाठी, सीमा पोरवाल, ममता विश्नोई, क्षमा सोनी, शशि गुप्ता, प्रतिभा सोनी आदि मौजूद रहीं। फफूंद क्षेत्र की ग्राम पंचायत सिदुरिया आलमपुर में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ द्वारा शरद पूर्णिमा कार्यक्रम मनाया गया। मुख्य अतिथि जिला संघ चालक अखिलेश कटियार ने मुख्यता छह त्योहारों में से इस कार्यक्रम के विषय में जानकारी दी। त्योहार समाज की एकता के प्रतीक हैं। आरोग्य भारती के जिला संयोजक डा. राजीव गुप्ता ने चंद्रमा की 16 कलाओं का वर्णन किया। कार्यक्रम में सह जिला शारीरिक प्रमुख भोले सिंह राजपूत, शिव मोहन, राजवीर, मनोज, अर्जुन, विकास, नीलेश, अरविद, उपेंद्र आदि मौजूद रहे।