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इज्जतघर बने फिर क्यों खुले में शौच जा रहीं महिलाएं

जागरण संवाददाता औरैया केंद्र सरकार ने स्वच्छ भारत मिशन के तहत गांवों को शौच मुक्त करन

By JagranEdited By: Published: Tue, 19 Nov 2019 11:22 PM (IST)Updated: Wed, 20 Nov 2019 06:03 AM (IST)
इज्जतघर बने फिर क्यों खुले में शौच जा रहीं महिलाएं
इज्जतघर बने फिर क्यों खुले में शौच जा रहीं महिलाएं

जागरण संवाददाता, औरैया: केंद्र सरकार ने स्वच्छ भारत मिशन के तहत गांवों को शौच मुक्त करने का सपना संजोया था। वह महज कागजों में सिमट कर रह गया है। जनपद को 2 अक्टूबर 2018 को ही ओडीएफ घोषित किया जा चुका है, फिर भी कई गांव में शौचालय अधूरे है तो कई जगह कंडे भरे है। दैनिक जागरण ने शौचालय दिवस पर ग्राम पंचायतों की पड़ताल की तो हकीकत सामने आ गई। कई गांव में सुबह से ही लोटा टोली निकलती दिखाई दी। यह कहना बिल्कुल गलत नहीं होगा कि अभी भी गांवों में लगभग 40 फीसदी आबादी खुले में शौच के लिए जाती है।

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जनपद को बेसलाइन के आधार पर दो अक्टूबर 2018 को ओडीएफ घोषित किया जा चुका है। जिसके बाद लेफ्ट आफ बेसलाइन (एलओबी) के आधार पर जिला पंचायत राज अधिकारी का दावा है कि 42 हजार शौचालय बनाए जा चुके हैं। जनपद में कुल 476 ग्राम पंचायतें हैं। ऐसा नहीं है कि शौचालय बनाने के लिए पंतायतों को पैसा नहीं दिया गया, जबकि अधिकारियों की निष्क्रियता से शौचालय नहीं बनाए गए। जिसका नतीजा है कि गांवों में लोग सुबह होते ही लोटा व बोतल लेकर महिला व पुरूष खेतों की ओर जाते दिखाई देते हैं। यह स्थिति कमोबेश ज्यादातर गांवों के हालात यही हैं। नहीं बदली स्थिति

सरकार द्वारा जनपद में करोड़ों खर्च कर ग्रामीण इलाको को स्वच्छता के लिए प्रयास किया गया लेकिन फिर भी प्रशासन गांवो की स्थिति बदलने में कामयाब नहीं हो सका। कई ग्राम पंचायतों में शौचालय की बहुत शिकायते हैं जहां शौचालय निर्माण नहीं हो पाया है। सुबह होते ही लोटा लिए बाहर जाते दिखाई देते हैं लोग

घर में शौचालय में न होने से महिलाएं सकुचाते हुए सुबह होते ही लोटा व बोतल लेकर बाहर जाती दिखाई देती है। जबकि अफसरों का दावा है कि गांवो में शौचालय बनाए गए हैं। वर्जन-

जनपद में अबतक एक लाख 63 हजार शौचालय का निर्माण कराया जा चुका है। जिन लोगों के शौचालय नहीं बन पाए हैं वह अब सामुदायिक शौचालय में जाएंगे। जिसके लिए जल्द ही निर्माण कार्य शुरू कर दिया जाएगा।

सर्वेश कुमार पांडेय, जिला पंचायत राज अधिकारी वर्जन-

जिन लोगों के शौचालय नहीं बन पाए हैं उन्हे यूनीवर्सल सेनीटेशन के तहत कवर किया जाएगा। सामुदायिक शौचालय के लिए शासन ने स्वीकृति दे दी है। इसके द्वारा छूटे लोग लाभान्वित होंगे।

बीके पाठक, मुख्य विकास अधिकारी शौचालय दिवस मनाया

ग्राम पंचायतों में शासन के निर्देशानुसार स्कूली बच्चों ने शौचालय दिवस पर लोगों को जागरूक करने के लिए रैली निकाली। रैली में स्कूली बच्चों ने ग्रामीणों को तख्तियों में संदेश लिखकर चेताया कि खुले में शौच न जाए गंदगी से दूर भगाए। ग्राम पंचायतें नहीं दिखा रहीं सख्ती

अगले वर्ष पंचायत चुनाव होने हैं। इसलिए इज्जतघर बनने के बावजूद ग्राम पंचायत स्तर पर लोगों को इनका इस्तेमाल करने के लिए जागरूक नहीं किया जा रहा है। ग्राम प्रधानों को डर है कि अगर उन्होंने ग्रामीणों पर सख्ती की तो दोबारा वोट मिलने में संकट आ सकता है।

(चंद्रशेखर यादव)


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