क्या राजनैतिक दबाब में लगाया गया गैंगेस्टर !
जागरण संवाददाता औरैया एडीजे विशेष न्यायाधीश उप्र गिरोहबंद अधिनियम ने शहर के एक गैंगे
जागरण संवाददाता, औरैया : एडीजे विशेष न्यायाधीश उप्र गिरोहबंद अधिनियम ने शहर के एक गैंगेस्टर मामले के सभी तीनों आरोपितों को दोषमुक्त कर दिया। पुलिस कार्रवाई पर गंभीर सवाल खड़े किए। कहा यह कार्रवाई दोषपूर्ण है और राजनैतिक दबाव में यह कार्रवाई पुलिस ने की है, यह प्रतीत हो रहा है।
अभियोजन के अनुसार सदर कोतवाली पुलिस ने शहर निवासी जीतू पंडित उर्फ अजय, दिनेश चंद्र गौतम व प्रखर मिश्र को गैंगेस्टर का आरोपित बनाया था। यह मुकदमा न्यायालय में चल रहा था। इन सभी को एक व्यापारी नेता द्वारा लिखवाई रिपोर्ट में आरोपित किया गया है। बाद में पुलिस ने इन सभी पर यह कहकर गैंगेस्टर लगा दिया कि यह सभी गैंग के सदस्य आर्थिक व भौतिक लाभ के लिए अपराध कारित करते हैं जिससे शहर में इनका काफी आतंक व भय व्याप्त है। जिसके डर व भय के कारण कोई भी जनता का व्यक्ति थाने में मुकदमा लिखाने तथा गवाही देने का साहस नहीं करता। यह मुकदमा एडीजे महेश वर्मा की न्यायालय में चला। विचारण के दौरान पाया गया कि उक्त प्रकरण निजी रंजिश एवं वैमनस्यता का है। वादी व्यापारी नेता व प्रतिवादी दोनों पड़ोसी एवं व्यवसायी हैं। इसके बावजूद उनके विरुद्ध गैंगेस्टर जैसी कार्रवाई पुलिस की निष्पक्षता पर सवाल उठाती है। कोर्ट ने माना कि उक्त मामले में व्यापारियों के दबाव तथा राजनैतिक कारणों से बिना साक्ष्य के चार्जशीट लगाई गई, जो पुलिस की मनमानी कार्रवाई को दर्शाता है। अभियोजन की कहानी संदेह के घेरे में लाती है। कोर्ट ने लिखा कि इससे पुलिस प्रशासन पर राजनीतिकरण का हावी होना भी दिख रहा है। निर्णय सुनाते हुए कोर्ट ने लिखा कि अभियोजन पक्ष गैंगेस्टर के कारणों को साबित नहीं कर सका। इस पर इस मामले के तीनों आरोपित जीतू पंडित उर्फ अजय, प्रखर मिश्रा व दिनेश चंद्र गौतम को गैंगस्टर मामले से दोषमुक्त किया जाता है।