हाथों में तिरंगा और जुबां पर भारत माता की जय
जागरण संवाददाता औरैया आजादी की 72वीं वर्षगांठ को लेकर हर तरफ उत्साह व उमंग है। पहल

जागरण संवाददाता, औरैया: आजादी की 72वीं वर्षगांठ को लेकर हर तरफ उत्साह व उमंग है। पहला गणतंत्र दिवस 26 जनवरी 1950 को मनाया गया था। देशभक्ति के रंग में रंगे देशवासियों के लिए यह दिन गौरव भरा होता है। कुछ नई-पुरानी तस्वीरें। बुजुर्गों के मन को टटोला जाए तो उनकी नजर में इस दिन के अलग मायने रहा करते थे। उनका कहना है कि आज बहुत कुछ बदल गया। बड़े-बुजुर्गों के साथ ही हर वर्ग को पहले इस दिन का इंतजार होता था। जो आज भी है। पहले जहां जगह-जगह हाथों में तिरंगा लेकर लोग नजर आते थे, वह सीमित हो चुका है। जबकि, भारत माता की जय और अमर रहे नारे से पूरा देश पहले जश्न में गूंज रहा था। घर-घर मीठे पकवान बनाए गए थे। हर कोई देश के गणतंत्र होने पर प्रसन्न था। हर कोई अपने तरीके से खुशी का इजहार कर रहा था। बहुत से लोगों की आंखों में खुशी के आंसू थे। स्कूल-कालेज से लेकर सरकारी कार्यालयों, सार्वजनिक स्थलों पर इस दिन की धूम रहती थी लेकिन कोविड-19 के साथ वर्तमान तस्वीर ने कुछ बदला है। शोर भी कम सुनाई देता है, मोबाइल फोन व टीवी के जरिये ही 'जश्न का माहौल' नजर आता है।
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हम लोग छोटे थे लेकिन 26 जनवरी 1950 का दिन आज भी याद है। हर गांव में जश्न का माहौल था। हर घर में मीठे पकवान बनाए गए थे। ऐसा लग रहा था कि जैसे दीपावली या होली का त्योहार मनाया जा रहा है। झंडारोहण के बाद लोगों ने एक दूसरे को मिठाई खिलाकर शुभकामनाएं दी। गले मिलकर खुशियां।
- रामकला देवी(82) निवासी मिर्जापुर खुर्द
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जब पहला गणतंत्र दिवस मना था। उस दिन लोगों में उत्साह था। मुख्य मार्गों पर ही नहीं गलियों में भी तिरंगा लेकर लोग नारे लगाते हुए घूमे। देश के आजाद होने का उत्साह युवाओं में ही नहीं बल्कि उस समय के वृद्ध लोगों में भी देखने को मिला था। वृद्ध भी युवाओं के साथ टोलियों में शामिल थे। - सुरेश चंद्र त्रिपाठी(86) निवासी हैदरपुर
Edited By Jagran