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मेहनत के कतरे से बहाई विकास की दरिया

संवाद सहयोगी बिधूना ग्राम पंचायत खानजहांपुर चिरकुआ में निवर्तमान युवा प्रधान ने विकास के माध्

By JagranEdited By: Published: Wed, 17 Feb 2021 11:04 PM (IST)Updated: Wed, 17 Feb 2021 11:04 PM (IST)
मेहनत के कतरे से बहाई विकास की दरिया
मेहनत के कतरे से बहाई विकास की दरिया

संवाद सहयोगी, बिधूना : ग्राम पंचायत खानजहांपुर चिरकुआ में निवर्तमान युवा प्रधान ने विकास के माध्यम से लोगों के दिलों में जगह बनाई है। ग्राम पंचायत में उनके द्वारा कराए गए विकास कार्यो को सूबे की सरकार ने संज्ञान में लिया। ग्राम पंचायत को बीते वर्ष मुख्यमंत्री पुरस्कार योजना में शामिल किया गया। लगभग पांच हजार की आबादी वाली ग्राम पंचायत खानजहांपुर चिरकुआ में 1850 मतदाता हैं। 24 वर्षीय निवर्तमान प्रधान अवनीश कुमार ने अपनी मेहनत व लगन से गांव में विकास का दरिया सा बहाया है। ग्राम पंचायत में मजरा पुर्वा, लक्षीराम, हरसुख नगर व पलरा मौजा भी आते हैं। पुर्वा लक्षीराम प्राथमिक एवं जूनियर विद्यालय को आदर्श विद्यालय योजना में स्थान मिला है। विद्यालय में लैब आदि आवश्यक संसाधनों के साथ ही छात्र-छात्राओं के बैठने की बेहतर व्यवस्था की गई। पुरस्कार में मिली धनराशि से विद्यालय का कायाकल्प कराया गया। इज्जतघर में टाइल्स लगवाए गए। बच्चों को शुद्ध पेयजल के लिए पानी की टंकी बनवाई गई। रसोईघर को आधुनिक रूप दिया गया। हैंडवाश आदि बेहतर व्यवस्थाओं व सौन्दर्यीकरण के चलते विद्यालय कान्वेंट स्कूल जैसा प्रतीत होता है। जिन गलियों में पैदल निकलना भी मुश्किल था। उनमें इंटरलॉकिग सड़कें बनी हुई हैं। झोपड़ी में रहने वाले 42 पात्रों को आवास उपलब्ध कराए गए। खुले में शौच मुक्त कराने के लिए लोगों को 277 इज्जतघर मुहैया कराए गए। जल निकासी के लिए नालियों का निर्माण कराया गया। निवर्तमान प्रधान का कहना है कि इन विकास कार्यों में ग्राम विकास अधिकारी, एडीओ मयंक यादव का विशेष सहयोग रहा। यदि उन्हें दोबारा मौका मिला तो वह ग्राम पंचायत को और निखारेंगे।

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गांव में कीचड़ भरी गलियों से मुक्ति मिली है। घरों में जाने के लिए इंटरलॉकिग सड़कें बन गई हैं। अंधेरे में भी आवागमन में किसी प्रकार की परेशानी लोगों को नहीं उठानी पड़ती है।

-राम लखन

पहले गांव के लोगों को शौच के लिए जाना पड़ता था। लेकिन इज्जतघर बन जाने से इससे छुटकारा मिल गया। बुजुर्गों व असहाय महिला व पुरुषों को बरसात व सर्दी के मौसम में बेहद कठिनाई होती थी।

- दीपक कुमार

बच्चों को अब गांव में ही बेहतर पढ़ाई व खेलकूद का लाभ मिल रहा है। जिससे लोगों को कम खर्च में बच्चों को पढ़ाने का मौका मिल रहा है। बच्चों के समय की बर्बादी भी नहीं होती है।

- कृष्ण मुरारी

झोपड़ी में रहने वाले गरीबों को पक्के मकान मिल गए हैं। निवर्तमान ग्राम प्रधान एवं सचिव के प्रयास से प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ मिला। जिससे उनके जीवन स्तर में सुधार आया है,चेहरे पर खुशी दिखाई दे रही है।

- लालमन


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