थम नहीं रहा गोवंश की मौत का सिलसिला, 'सिस्टम' कठघरे में
संवाद सूत्र फफूंद अस्थायी गोशाला व आश्रय स्थलों पर गोवंश की देखरेख में लापरवाही बरती जा रह
संवाद सूत्र, फफूंद: अस्थायी गोशाला व आश्रय स्थलों पर गोवंश की देखरेख में लापरवाही बरती जा रही है। एनजीओ संचालकों की ओर से जिम्मेदारियों का निर्वहन न करने पर गोवंश दम तोड़ रहे। यही वजह है कि बिधूना की ग्राम पंचायत भिखरा की गोशाला में गोवंश की मौत के बाद फफूंद में संचालित अस्थायी गोशाला में एक गोवंश ने दम तोड़ दिया। जानकारी पर पशु चिकित्साधिकारी और नगर पालिका परिषद के अधिशासी अधिकारी जांच के लिए पहुंचे। मृत गोवंश के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया। ऐसी घटनाओं से स्थानीय प्रशासन कठघरे में खड़े दिख रहा है।
फफूंद नगर पंचायत के कोठीपुर मार्ग स्थित अस्थायी गोशाला में 96 गोवंश हैं। इनकी देखरेख के लिए चार सेवादार संजय, अरुण, मिथुन, राजकुमार वाल्मीकि को लगाया गया है। सोमवार की रात जंगली जानवर ने कुछ गोवंश पर हमला कर दिया। चहारदीवारी व फेंसिग बदहाल होने से यह घटना हुई। इसमें एक गोवंश की मौत हो गई। मंगलवार की सुबह जिला पंचायत सदस्य बलवीर राजपूत ने गोशाला परिसर में पड़े गोवंश के शव को देख अधिकारियों को सूचना दी। घटना पता लगते ही ग्रामीण एकत्र हो गए। उन्होंने हंगामा भी किया। उनका आरोप था कि गोवंश की देखरेख नहीं की जाती है। चारा-पानी भी समय पर नहीं दिया जाता है। दिन ढलने के साथ सेवादार नदारद हो जाते हैं। जिस कारण यह घटना हुई। जांच करने पहुंचे पशु चिकित्साधिकारी बृजभूषण यादव व नगर पालिका परिषद के अधिशासी अधिकारी बलवीर सिंह ने गोशाला का निरीक्षण किया। गोवंश की हालत पर नजर डाली। इसमें दो गोवंश गंभीर मिले। डा. बृजभूषण यादव ने बताया कि घटनाक्रम को ध्यान में रखते हुए ज्यादा सतर्कता बरतने का निर्देश सेवादारों को दिया गया है। ग्रामीणों द्वारा जो आरोप लगाए जा रहे हैं, उसे लेकर भी जांच होगी।