शहर में बढ़ा आवारा कुत्तों व बंदरों का आतंक
जागरण संवाददाता औरैया शहर में बंदरों और आवारा कुत्तों का आतंक बढ़ गया है। स्कू
जागरण संवाददाता, औरैया: शहर में बंदरों और आवारा कुत्तों का आतंक बढ़ गया है। स्कूल जाते बच्चों और राहगीरों को वह अपना निशाना बना रहे हैं। इनके खौफ के कारण लोग हाथ में डंडा लेकर टहलने निकलते हैं।
शहर में आवारा कुत्तों की संख्या काफी बढ़ गई है। वह हर रोज किसी न किसी को निशाना बना रहे हैं। जिसके लिए एआरवी इंजेक्शन लगवाने के लिए लोग जिला संयुक्त चिकित्सालय पहुंच रहे हैं। प्रतिदिन अस्पताल में कुत्ते और बंदरों के काटने के लगभग 20 मामले सामने आ रहे हैं। नगर पालिका प्रशासन व वन विभाग बंदरों के पकड़ने के मामले में एक दूसरे के पाले में गेंद डाल रहे हैं। केस - 1
तालेपुर निवासी रमेश सिंह ने बताया कि उसकी पुत्री सुलेखा सुबह-सुबह दूध लेने जा रही थी। रास्ते में आवारा कुत्ते ने काट लिया। इससे वह चिल्लाई तो आस-पास के लोगों ने उसकी मदद कर घर तक पहुंचाया। केस-2
दयालपुर निवासी छात्रा अंकिता ने बताया कि हम स्कूल जा रहे थे तभी एक कुत्ते ने काट लिया। इससे हम उस दिन स्कूल भी नहीं जा सके। डर लग रहा था कि कहीं कुत्ता दोबारा न मिल जाए। केस-3
जिला अस्पताल में तैनात कर्मचारी संजय दीक्षित ने बताया कि वह घर पर अपनी छत पर धूप ले रहे थे तभी एक बंदर ने हमला कर दिया। इससे वह घायल हो गए। उपचार कराया है, लेकिन सिर पर चोट काफी आ गई है। आंकड़ों पर एक नजर
माह मामले
जुलाई 402
अगस्त 1190
सितंबर 343
अक्टूबर 340
नवंबर 353
दिसंबर 150 (अब तक) क्या बोले जिम्मेदार-
मामला प्रकाश में आया है, लेकिन नगर पालिका के पास अभी तक आवारा कुत्तों को पकड़ने के लिए कोई साधन नहीं है। बंदरों को पकड़ने की जिम्मेदारी वन विभाग की है।
अनीता शुक्ला, ईओ नगर पालिका - शहर में बंदरों के पकड़ने की जिम्मेदारी नगर पालिका की है। नगर पालिका सहयोग करे तो बंदरों को पकड़ने के लिए हमारी टीम उनका साथ देगी। सोमवार से बंदरों के पकड़ने का अभियान चलाया जाएगा।
सुंदरेशा, डीएफओ