टीबी रोगी की सूचना देने पर एक हजार इनाम
जागरण संवाददाता, औरैया : टीबी असाध्य बीमारी नहीं है, बस समय पर उपचार होने से यह पूरी तर
जागरण संवाददाता, औरैया : टीबी असाध्य बीमारी नहीं है, बस समय पर उपचार होने से यह पूरी तरह से ठीक हो जाती है। स्वास्थ्य विभाग टीबी रोगियों का उपचार करा रहा है। अस्पताल आने के लिए उन्हें पांच सौ रुपये देना भी शुरू किया गया है। अब एक और नई योजना चलाई गई है। टीबी रोगी की सूचना देने वाले प्रथम व्यक्ति को एक हजार रुपये की प्रोत्साहन राशि दी जाएगी।
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के निदेशक ने प्रदेश के सभी मुख्य चिकित्साधिकारियों को आदेश जारी किया है कि पुनरीक्षित राष्ट्रीय क्षय नियंत्रण कार्यक्रम में क्षय रोगी यानी टीबी के सफाए को अभियान चल रहा है। जनपद में जनवरी के आंकड़ों के अनुसार 1332 टीबी के रोगी हैं। इनमें से 1057 का सरकारी अस्पतालों में इलाज चल रहा है। जबकि 275 निजी अस्पतालों में उपचार करा रहे हैं। टीबी रोगियों का सरकारी अस्पतालों की तरफ रुझान बढ़ाने और उनकी मदद के लिए शासन ने पांच सौ रुपये देने की योजना शुरू की थी। केंद्र सरकार की तरफ से एक्टिव केस फाइ¨डग अभियान चलाया गया था। जनपद में यह अभियान 24 फरवरी से शुरू होकर दस मार्च तक चला था। इसके लिए कई टीमें लगाई थी। शहर से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों तक टीमों द्वारा टीबी के मरीजों का ढूंढा गया था। इस दौरान जनपद में 84 नए मरीज मिले थे। अब रोगियों की तलाश के लिए स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा नई योजना शुरू की गई है। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के निदेशक पंकज कुमार ने जारी पत्र में कहा है कि नए टीबी रोगी की प्रथम सूचना कर्ता को एक हजार रुपये की प्रोत्साहन राशि का स्वास्थ्य विभाग भुगतान करेगा। जिला क्षय रोग अधिकारी डा. नवीन कुमार मिश्रा ने बताया कि टीबी रोगियों को शासन की ओर से सभी सुविधाएं दी जा रही है। सूचना देने वाले व्यक्ति को भी शासन से निर्धारित धनराशि का भुगतान दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि सूचना कर्ता को 100 रुपये देने का प्रावधान है। गलती से एक हजार रुपये शासन देश में छप गया है। यदि उच्चाधिकारी एक हजार रुपये देने के लिए कहेंगे तो एक हजार रुपये दिया जाएगा।