किसानों की फसलें नष्ट कर रहे आवारा जानवर
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संवाद सूत्र, कंचौसी : कस्बा व ग्रामीण क्षेत्रों में घूम रहे हजारों की संख्या में आवारा जानवर राहगीरों व किसानों के लिए मुश्किलें बढ़ा रहे हैं। इनके झुंड की चपेट में आकर कई लोग घायल होकर मौत का शिकार हो चुके हैं। लेकिन प्रशासन ने इस ओर अभी तक कोई ध्यान नहीं दिया। तत्कालीन एसडीएम के आश्वासन के बावजूद गोशाला निर्माण नहीं कराया गया।
पिछले वर्ष साड़ के हमले से नोगवां निवासी राम किशुन की मौत हो चुकी है। कस्बा के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, झींझक रोड स्थित प्राथमिक विद्यालय साहपुर, बिनपुरापुर , अघारा एवं रेलवे स्टेशन के विश्राम गृह में परेशान किसानों ने जानवरों को बंद कर अपना रोष भी प्रकट किया था। जिन्हें कई दिन बाद तहसील व पुलिस प्रशासन ने गोशाला निमार्ण का आश्वासन देकर छुड़ाया था। लेकिन आज तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। पिछले वर्ष कृषि मंत्री लाखन सिंह राजपूत की पैदल यात्रा के समय साथ चल रहे तत्कालीन एसडीएम अनुपम शुक्ला ने गांव कंचौसी व जमौली में शीघ्र गोशाला निर्माण कराने के जगह चिह्नित होने की जानकारी दी थी। सहार ब्लाक के गांव मधवापुर में गोशाला निमार्ण की घोषणा शासन द्वारा पहले ही की जा चुकी है। लेकिन आज तक जमीन तक चिह्नित नहीं की गई। दोनों जिलों की सीमा में कोई गोशाला नहीं है। जबकि हजारों की संख्या में आवारा गोवंश भ्रमण कर रहे हैं। जो रात दिन किसानों की फसलें नष्ट करने के साथ राहगीरों के लिए संकट उत्पन्न कर रहे हैं। राजू, मोतीलाल, रामसिंह, बालक राम, अरविद आदि किसानों ने प्रशासन से आवारा गोवंश को सुरक्षित जगह पर छोड़ने की मांग की है।