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सात समंदर पार, हिदी की बहा रहे बयार

अशोक त्रिवेदी औरैया अपने देश की माटी में रचे-बसे अनिवासी भारतीय हिदी को विदेशियों के

By JagranEdited By: Published: Sat, 09 Jan 2021 11:07 PM (IST)Updated: Sat, 09 Jan 2021 11:07 PM (IST)
सात समंदर पार, हिदी की बहा रहे बयार
सात समंदर पार, हिदी की बहा रहे बयार

अशोक त्रिवेदी, औरैया : अपने देश की माटी में रचे-बसे अनिवासी भारतीय हिदी को विदेशियों के माथे की बिंदी बनाने को भगीरथ प्रयास कर रहे हैं। 'हिदी,हिदू-हिदुस्तान' का भाव धर वे इस समृद्ध भाषा को वैश्विक पटल पर लाने को कृतसंकल्प हैं। हिदी भाषा का परचम विदेशों में लहराने वालों में औरैया जिले का एक परिवार भी है। करीब एक दशक से ब्रिटेन में बसे इस परिवार के जितेंद्र स्थानीय समुदाय में अपनी भाषा,संस्कूति व परंपराओं का पुरजोर प्रचार कर रहे हैं।

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शहर के मोहल्ला हलवाई खाना निवासी जितेंद्र मोहन विश्नोई पुत्र ज्ञान प्रकाश विश्नोई ब्रिटेन के कीयंस शहर स्थित सेनतेंदर बैंक में मैनेजर के पद पर कार्यरत हैं। बताते हैं कि यहां आकर जो चीज प्रभावित नहीं हुई है वह है भारतीय संस्कृति और संस्कार जो उन्हें भारत में मिला था। उनका पांच वर्षीय पुत्र आद्विक प्रतिदिन सुबह गायत्री मंत्र और महामृत्यंजय मंत्र का जाप करता है। पूरा परिवार रात्रि में आरती के उपरांत ही सोने के लिए जाता है। वहां पर मिल्टन कीयंस हिदू एसोसिएशन के नाम से भारतीय समाज है। इससे करीब 150 हिदुस्तानी जुड़े हुए हैं। उसी का परिणाम है कि पिछले तीन वर्षों में वहां ब्रिटिश सरकार की सहमति व सहयोग से एक मंदिर का निर्माण हुआ है। प्रत्येक शनिवार को लोग वहां सपरिवार जाकर हनुमान चालीसा का पाठ करते है। लॉकडाउन की वजह से यह अभी इंटरनेट पर चल रहा है। विश्व हिदी दिवस की पूर्व संध्या पर भी शाम को सात से नौ बजे तक वहां पारंपरिक कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। जिसमें आनलाइन जुड़कर संबंधित परिवार सहभागिता करेंगे। विगत कुछ वर्षों से भारतीय हिदू त्योहारों के बारे में लोग ज्यादा जागरूक हुए हैं। सात समंदर पार यानी ब्रिटेन में अब होली, दीपावली, दुर्गा पूजा, गणेश चतुर्थी आदि सभी त्योहार बड़े पैमाने पर मनाए जाते हैं। भारतीय लोग भारत के एनजीओ और दूसरे मदों में दान भी करते हैं। जिससे हम अपने देश के जरूरतमंद लोगों की मदद कर सकें। यहां पर गुजरात, महाराष्ट्र, केरल व यूपी आदि के परिवार बसे हुए हैं। जितेंद्र की पत्नी अंजू विश्नोई औरैया के तिलक नगर की मूल निवासी हैं। हिदी के उत्थान को उनका समर्पण देखते ही बनता है। समय समय पर लोगों को वे योग और लाफ्ट थेरेपी के बारे में लोगों को जागरूक करती हैं। नियमित रूप से दादी मां के नुस्खों व घरेलू उपचार के बारे में भी अंग्रेजों को अवगत कराती हैं। उनके फायदे के बारे में भी विवरण देती हैं। ब्रिटेन के पीएम ने दी थीं दीपावली की शुभकामनाएं:

हिदी भाषा के प्रचार-प्रसार तथा भारतीय परंपराओं को ब्रिटेन में फैलाने की जीजीविषा का ही प्रतिफल है कि ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने भारतीय समाज को दीपावली की शुभकामनाएं दी थीं। साथ ही ब्रिटेन के संसद भवन में दीप प्रज्ज्वलित किए गए थे। कोरोना के मुश्किल समय में भारतीय लोगों ने जरूरतमंदों की हरसंभव मदद की। हिदी से विशेष अनुराग:

हिदी के प्रति अनुराग का भाव इतना प्रबल है कि जब भी भारतीय लोग आपस में मिलते हैं, सभी इसी भाषा का प्रयोग करते हैं। बच्चों को भी हिदी भाषा में बोलचाल के लिए प्रेरित करते हैं। जब उनकी मां लक्ष्मी विश्नोई ब्रिटेन आई तो भारतीय लोग उनसे हिदी में ही वार्तालाप करते रहे। यहां आकर भी उन्हें अपने देश जैसा ही माहौल मिला। हिदी भाषा के प्रति अनुराग का असर यह है कि भारतीयों के कई अंग्रेज मित्र मंदिर पहुंचकर सहभागिता हिदी में भजन गाते दिखते हैं। भावविभोर हो भारतीय संस्कृति व परंपराओं में गोते लगाते हैं।


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