बिना फॉग लाइटों के चल रहीं रोडवेज बसें
जागरण संवाददाता औरैया शहर स्थित डिपो से संचालित होने वाली गाड़ियों में अभी तक फॉग ला
जागरण संवाददाता, औरैया : शहर स्थित डिपो से संचालित होने वाली गाड़ियों में अभी तक फॉग लाइटें नहीं लगाई गई हैं जबकि सर्दी लगातार बढ़ रही है। सुबह शाम कोहरे की चादर सड़कों पर बिछनी शुरू हो गई है। ऐसे में मार्गों पर गाड़ियों का सफर खतरे से खाली नहीं है। निगम दुर्घटनाओं को रोकने के लिए निरंतर प्रयासरत है, लेकिन फॉग लाइटों की व्यवस्था अभी तक नहीं की गई है।
डिपो से इस समय 75 बसें संचालित हो रही हैं। ज्यादातर गाड़ियों में फॉग लाइटें नहीं लगी हैं। सीनियर फोरमैन अशोक कुमार ने बताया कि निगम मुख्यालय से आल वैदर बल्ब दिए गए हैं। यह मौसम के हिसाब से ऑटोमैटिक रोशनी परिवर्तित करते हैं। ज्यादातर गाड़ियों में इन्हें लगवा दिया गया है। यदि फॉग लाइटें उपलब्ध हुईं तो उन्हें भी लगवा दिया जाएगा। चालकों का कहना है कि अच्छी कंपनियों के बल्ब ही कारगर होते हैं। उन्हें जरूरत पड़ती है तो फॉग लाइटें गाड़ियों में लगवा लेते हैं। घने कोहरे में आल वैदर बल्ब कारगर साबित नहीं होते हैं। ऐसे में गाड़ियों को बहुत ही धीमी गति से चलाना पड़ता है। इससे डीजल औसत भी प्रभावित होता है। साथ ही अन्य परेशानियों की संभावनाएं भी बढ़ जाती हैं। बसों में फॉग लाइटों का होना बहुत जरूरी है। क्या कहते हैं जिम्मेदार
नई तकनीकि के तहत निगम ने आल वैदर बल्ब गाड़ियों के लिए दिए हैं। इनको लगवाने का कार्य पूरा करा दिया गया है। यदि फॉग लाइटें मुख्यालय से उपलब्ध होती हैं तो गाड़ियों में लगवा दी जाएंगी।
आरएस चौधरी, सहायक क्षेत्रीय प्रबंधक यूनिक कार्डों पर नजर रखें परिचालक
सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय के अधीन दिव्यांगजन सशक्तीकरण विभाग की ओर से यूडीआइडी योजना के अंतर्गत दिव्यांगों की पहचान के लिए यूनिक कार्ड उपलब्ध कराए जा रहे हैं। इसके लिए ऑनलाइन आवेदन की व्यवस्था की गई है। इसके उपरांत सीएमओ कार्यालय से प्रमाण पत्र जारी किए जाते हैं। रोडवेज बसों में यात्रा करते समय फर्जी कार्ड पाए जाने पर वेबसाइड पर नंबर अपलोड करने के सुझाव परिचालकों को जारी किए गए हैं।
सहायक क्षेत्रीय प्रबंधक आरएस चौधरी ने बताया कि डिपो के सभी परिचालकों को निर्देश दिए गए हैं कि यदि किसी व्यक्ति की दिव्यांगता फर्जी प्रतीत होती है या गलत यूनिक कार्ड से निश्शुल्क यात्रा करते पाया जाए तो उसका नंबर मोबाइल में दी गई वेबसाइड पर अपलोड करें, इससे सही जानकारी मिल जाएगी। परिचालकों ने ऐसे तीन कार्डों की जानकारी दी है। उनकी जांच कर कार्रवाई की जाएगी।