बाहर से हो गया कायाकल्प, अंदर अव्यवस्था
जासं औरैया कोविड-19 के तेज संक्रमण दौर में सौ शैया संयुक्त चिकित्सालय में शासन से मिले बजट
जासं, औरैया: कोविड-19 के तेज संक्रमण दौर में सौ शैया संयुक्त चिकित्सालय में शासन से मिले बजट की हुई लूट का मामला प्रकाश में आने व जांच में हेराफेरी मिलने के बाद अब प्रशासन की नजर 50 शैया जिला अस्पताल पर जा टिकी है। इसके अलावा सामुदायिक व प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र भी निशाने पर हैं। यहां पर स्वास्थ्य सेवाओं व मरीजों की सुविधाओं पर खर्च होने वाले बजट की फाइल खंगाली जाएगी। इसके लिए डीएम ने एक जांच समिति बनाने की बात कही है। जो बीते तीन सालों का रिकार्ड खंगालेगी।
50 शैया जिला संयुक्त चिकित्सालय का कायाकल्प तेजी से कराया जा रहा है। इसकी रंगाई पुताई, साफ-सफाई आदि व्यवस्थाएं पूरी होनी हैं। फिर भी मरीजों के लिए स्वास्थ्य सुविधाएं अभी भी अधूरी हैं। जो पिछले कई साल से बरकरार हैं। चिकित्सकों व पैरा मेडिकल स्टाफ के अलावा पैथोलाजी में थारराइड, गढिया व विटामिन की कोई भी जांच सुविधा उपलब्ध नहीं है। अभाव में मरीजों को हजारों रुपये निजी पैथोलॉजी पर खर्च करना पड़ता है। पिछले दो माह से बुखार संक्रमण के दौर में डेंगू के मरीजों का इलाज लक्षण के आधार पर हो रहा है। चिकित्सकों का 25 हजार तक प्लेटलेट्स गिरने वाले करीब 500 मरीजों को पूर्ण स्वस्थ्य करने का दावा है। विभाग से इसकी जांच के लिए कार्ड भी उपलब्ध नहीं कराए गए। फिर भी निजी स्त्रोतों से कार्ड मंगवाकर मरीजों की जांच के लिए उपलब्ध कराए गए। ओपीडी में रोजाना करीब 300 से 400 मरीज पहुंचते हैं। उन्हें कई जांच अस्पताल बाहर से कराने में अतिरिक्त आर्थिक बोझ उठाना पड़ता है। इस संबंध में मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डा. प्रमोद कटियार का कहना है कि अस्पताल में दवाएं पर्याप्त उपलब्ध हैं। जांच असुविधाओं के लिए विभाग को अवगत कराया गया है। कर्मचारियों की कमी भी आड़े आ रही है।