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बल्लियों के सहारे बिजली आपूर्ति, हादसे की आशंका

जागरण संवाददाता औरैया शहर के वार्ड नंबर 16 बदनपुर पूर्वी में दूर-दूर तक फैली विद्युत क

By JagranEdited By: Published: Sat, 31 Oct 2020 05:41 PM (IST)Updated: Sat, 31 Oct 2020 05:41 PM (IST)
बल्लियों के सहारे बिजली आपूर्ति, हादसे की आशंका
बल्लियों के सहारे बिजली आपूर्ति, हादसे की आशंका

जागरण संवाददाता, औरैया : शहर के वार्ड नंबर 16 बदनपुर पूर्वी में दूर-दूर तक फैली विद्युत केबिलें लोगों के लिए समस्या बनी हुई हैं। बांस बल्लियों के सहारे घरों को बिजली आपूर्ति मिल रही है। जिसकी वजह से लाइनें सड़कों के काफी नजदीक लटक रहीं हैं। बाइक चालकों को रात में यहां से निकलना मुश्किल हो जाता है। इसके अलावा फाल्ट होने व स्पार्किंग होने पर घरों में करंट का खतरा भी बना रहता है। विभाग में खंभा लगवाने के लिए कई प्रार्थनापत्र भी दिए गए। लेकिन अभी तक कोई सुनवाई नहीं हुई।

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सुनील कुमार प्रजापति बताते हैं कि बिजली का खंभा घर से करीब 200 मीटर दूर है। लाइन काफी लंबी होने की वजह से बंदरों के लाइन से लटकने से बल्ली टूट जाती हैं। साथ ही केबिलों का नुकसान हो रहा है। जगह-जगह से टूट जाती हैं। बरसात में स्पार्किंग के समय करंट का भी खतरा बना रहता है। रामजी तिवारी का कहना है कि खाली प्लाट की वजह से करीब 20 घरों के कनेक्शन यहां से निकले हैं। लेकिन यह समस्या विकराल होगी। क्योंकि प्लाट मालिक अब निर्माण शुरू करा रहे हैं। ऐसे में इन उपभोक्ताओं को कैसे आपूर्ति मिल सकेगी। यह कह पाना बहुत मुश्किल होगा। क्योंकि मकान के ऊपर से लाइनें नहीं आ सकती हैं।

कल्लू राठौर ने बताया कि खंभे से घरों की दूरी अधिक होने की वजह से लाइनें सड़कों से बहुत नजदीक झूल रही हैं। बाइक सवार लोगों के सिरों तक टकराती हैं। ऐसे में हादसे की आशंका हमेशा बनी रहती है। गोविद सविता ने कहा कि कई घरों की केबिलें एक साथ खंभे से आई हैं। जिसकी वजह से फाल्ट ढूंढने में कर्मचारियों को कठिन हो जाता है। दिन में दो बार बंदर इन पर झूल ही जाते हैं। अक्सर आपूर्ति ठप हो जाती है। रात्रि में यदि फाल्ट हो गया तो रास्तों से गुजरना भी कठिन हो जाता है। सभासद ज्ञान सिंह कहते हैं कि 50- 60 उपभोक्ताओं के कनेक्शन हैं। लेकिन सकरी गलियों में खंभे न होने की वजह से जाल बिछा हुआ है। प्रार्थनापत्र भी दिए गए। लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। इस संबंध में एसडीओ देवी सिंह का कहना है कि एबीसी लाइनों बिछाने का काम कराया गया है। जहां से शिकायत मिलती हैं। खंभे बजट में शामिल नहीं किए जाते हैं। लेकिन निरीक्षण कर समस्या का निस्तारण कराया जाएगा।


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