कन्या पूजन के बिना पूर्ण नहीं होते नवरात्र व्रत
जागरण संवाददाता औरैया एक विचित्र पहल सेवा समिति की महिला शाखा तुलसी द्वारा नवरात्र के सात
जागरण संवाददाता, औरैया : एक विचित्र पहल सेवा समिति की महिला शाखा तुलसी द्वारा नवरात्र के सातवें दिन दुर्गा मां के कालरात्रि स्वरूप की आराधना,पूजा-अर्चना कर कन्याओं का पूजन किया। इसी तरह अन्य जगहों पर भी कन्याओं को भोजन भी कराया गया।
महिला शाखा तुलसी की अध्यक्ष बबिता गुप्ता ने बताया कि कोरोना संक्रमण के चलते प्रशासन द्वारा देवी मंदिरों में भजन, कीर्तन, पंडाल, सजावट आदि कार्यक्रमों में प्रतिबंध की वजह से घरों में ही घट स्थापना कर आराधना शुरू कर दी। लेकिन बिना कन्या पूजन के व्रत पूर्ण नहीं होता है। मनोकामना व पुण्य कार्यों का फल प्राप्त करने के लिए यह जरूरी है। देवी भागवत पुराणों के अनुसार भगवती मां होम, जप-तप दान से उतनी प्रसन्न नहीं होती हैं जितनी कि कन्या पूजन से। इससे निर्धनता का नाश, वास्तुदोष, घर में शांति, सुख-समृद्धि व समस्त रोग दूर हो जाते हैं। शत्रुओं पर विजय प्राप्त होती है। छोटी कन्याओं को माताओं का स्वरूप माना जाता है। धर्म ग्रंथों के अनुसार तीन से नौ वर्ष तक की कन्याओं के पूजन का विधान है। ऐसी मान्यता है कि नवरात्र में माता कन्या रुप में ही पृथ्वी लोक में विराजमान होती हैं। लोगों को विधि विधान से भोग, दक्षिणा, कपड़े, सौंदर्य सामग्री आदि श्रद्धापूर्वक भेंट करनी चाहिये। कार्यक्रम में महिला शाखा तुलसी की आधा सैकड़ा सदस्य मौजूद रहीं।
इसी तरह फफूंद में महर्षि बाल्मीकि आश्रम पर कन्या भोज आयोजित किया गया। नगर पंचायत अध्यक्ष प्रतिनिधि अनुराग शुक्ल ने कन्याओं को तिलक कर भोजन कराया। उसके बाद सभी को दान दक्षिणा भेंट की गई। कहाकि हमारे हिन्दू सनातन धर्म में कन्याओं को देवी रूप की मान्यता दी गई है उनके भरण पोषण में माता पिता को कोई कोताही नहीं बरतनी चाहिए। सौभाग्यशाली होते हैं वह जिन्हें कन्या रत्न की प्राप्ति होती है। जिस आंगन में खेलकूद कर बड़ी होती है, वही उसके लिए पराया हो जाता है। इस मौके पर गुरु लाल सहाय, विजय बाल्मीकि, प्रदीप, अनिल, राम गोपाल, अजय आदि मौजूद रहे।