बोरों में भरे 40 क्विंटल से ज्यादा धान गए भीग
जागरण टीम औरैया टोकन देने के बाद किसानों से उनकी धान लेने से इन्कार करने वाले केंद्र
जागरण टीम, औरैया: टोकन देने के बाद किसानों से उनकी धान लेने से इन्कार करने वाले केंद्र प्रभारियों का ढर्रा बदले मौसम के बावजूद नहीं बदला। जिस कारण शुक्रवार की देर रात शुरू हुई बारिश ने खून पसीने की मेहनत पर पानी फेरने का कार्य किया। शनिवार सुबह 10 बजे तक रुक-रुक कर बादल बरसते रहे। ऐसे में केंद्र प्रभारी जिम्मेदारी से पीछे हटे तो किसानों ने ट्राली पर लदे धान भरे बोरों को बचाने का कार्य किया। बावजूद 40 क्विंटल से ज्यादा धान के बोरे बारिश से भीग गए। जबकि डीएम व जिला विपणन अधिकारी की ओर से पूर्व में ही जारी अलर्ट के तहत निर्देश जारी किए गए थे। बावजूद इसके कोई तैयारी नहीं दिखी।
जिले में एक नवंबर से किसानों से उनकी धान खरीदी जा रही है। 28 फरवरी तक 65 हजार 400 मीट्रिक टन धान की खरीद होनी है। इसके बाद भी केंद्र प्रभारियों की ओर से सुस्त रवैया अपनाया जा रहा है। आलम यह है कि आसमान में छाए बारिश के बादल को देखते हुए भी गंभीरता नहीं बरती गई। जिस कारण शुक्रवार की देर रात से शुरू हुई बारिश ने शनिवार सुबह तक कई क्विटल धान के बोरे को नुकसान पहुंचाया। लापरवाही यहां तक सीमित नहीं दिखी। बाबरपुर उपमंडी परिसर में केंद्र प्रभारी नदारद रहे। जिस कारण ट्राली पर लदी धान तौल न होने से बारिश में प्रभावित हो गए। इस बाबत एसडीएम अजीतमल अखिलेश कुमार सिंह ने रिपोर्ट तलब की है। किसानों ने आरोप लगाते हुए कहा कि दो दिन से केंद्र प्रभारी सुनील कुमार की कुर्सी परिसर में खाली है। इसकी खोज खबर भी अधिकारियों ने नहीं ली। जिस कारण बारिश से दिक्कतें बढ़ी और किसानों ने तिरपाल, पालीथीन से किसी तरह से धान बचाने का कार्य किया। बिधूना में धान तौल का कार्य बंद मिला। बेला, दिबियापुर, औरैया नवीन मंडी परिसर में भी किसान परेशान नजर आए।
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पूर्व में हुए आदेश
डीएम सुनील कुमार वर्मा व जिला विपणन अधिकारी सुधांशु शेखर चौबे ने संयुक्त रूप से सभी केंद्र प्रभारियों को निर्देश दिए कि बारिश से धान को बचाने का जतन किया जाए। अधिकारियों का आदेश बेअसर रहा। केंद्र प्रभारी गंभीर नहीं दिखे।
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बोले किसान..
गढ़ा गांव निवासी किसान योगेश कुमार ने बताया कि वह पिछले चार दिनों से बाबरपुर उपमंडी के खरीद केंद्र पर धान की ट्राली के लेकर डटे हुए है। बारिश में काफी हद तक धान भीग गए।