मॉडल गांव चयनित कर सुधारेंगे मिट्टी की सेहत
जागरण संवाददाता औरैया रासायनिक उर्वरकों के अंधाधुंध प्रयोग से खेतों की मिट्टी बीमार है।
जागरण संवाददाता, औरैया : रासायनिक उर्वरकों के अंधाधुंध प्रयोग से खेतों की मिट्टी बीमार है। किसानों को ज्यादा लागत लगानी पड़ रही है। असंतुलित खाद के प्रयोग से फसलों की प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होने से उसमें बीमारियां भी तेजी से बढ़ी हैं। इससे निपटने के लिए सरकार ने मृदा परीक्षण का विशेष अभियान चलाया है। प्रत्येक विकास खंड से एक-एक मॉडल गांव का चयन कर किसान के खेत की मिट्टी की मुफ्त जांच कराई जाएगी और उन्हें मृदा स्वास्थ्य कार्ड सौंपा जाएगा। इससे किसानों को पता चल सकेगा कि मिट्टी में किन-किन मुख्य और सूक्ष्म पोषक तत्वों की कमी है और उसी अनुसार आगे की फसलों में वह जरूरी पोषक तत्वों का इस्तेमाल करेंगे। कम लागत में अधिक उत्पादन दिलाने के साथ मिट्टी की उर्वरा शक्ति बनाए रखने का यह कारगर तरीका साबित हो सकता है।
यहां होती है जांच : कृषि विभाग कार्यालय में स्थापित प्रयोगशाला में सूक्ष्म पोषक तत्वों का विश्लेषण किया जाता है। इसमें नाइट्रोजन, फास्फोरस, पोटाश, अम्ल, आर्गेनिक, कार्बन, जिक, मैग्नीज, कॉपर, आयरन, बोरान, विद्युत चालकता आदि की जांच होती है। तहसील की प्रयोगशाला में मुख्य पोषक तत्व नाइट्रोजन, फास्फोरस, पोटाश की जांच कराने की व्यवस्था है।
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मिट्टी की जांच की तैयारी पूरी कर ली गई है। प्रयोगशाला की सभी मशीनें बदल दी गई हैं। तहसील स्तर की मशीनों को भी बदला जा रहा है। लक्ष्य आने के साथ 27 नवंबर से कर्मचारी मृदा नमूना लेना शुरू करेंगे। आगामी माह के अभियान में लक्ष्य पूरा करके मिट्टी की जांच के बाद किसानों को स्वास्थ्य कार्ड प्राथमिकता के आधार पर वितरित कर दिया जाएगा।
विजय कुमार, उपकृषि निदेशक