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भुगतान न होने से कर्ज में डूबे दुग्ध उत्पादक

शहर और आसपास जनपदों के दुग्ध उत्पादक लगा रहे हैं चक्कर

By JagranEdited By: Published: Sat, 17 Oct 2020 09:35 PM (IST)Updated: Sat, 17 Oct 2020 09:35 PM (IST)
भुगतान न होने से कर्ज में डूबे दुग्ध उत्पादक
भुगतान न होने से कर्ज में डूबे दुग्ध उत्पादक

जागरण संवाददाता, कानपुर : कानपुर दुग्ध संघ द्वारा समय से भुगतान न किए जाने से पूरे मंडल के दुग्ध उत्पादक परेशान हैं। वह कर्ज लेकर खुद व जानवरों का पेट पाल रहे हैं।

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फर्रुखाबाद के मेहंदी हसन ने बताया कि उनका 13 माह का भुगतान नहीं हुआ है। इस वजह से ब्याज में रुपये लेकर खर्च चला रहे हैं। बेटी के स्कूल की फीस देनी है। कई बार अधिकारियों से कहा, लेकिन सुनवाई नहीं हुई। यही हाल कानपुर देहात, औरैया, कन्नौज व इटावा के किसान अवधेश, सर्वेश, सुरेंद्र, अनुज बाजपेयी, विजय पाल का है। वे भी निराला नगर स्थित दुग्ध संघ कार्यालय के चक्कर काट रहे हैं।

निजी डेयरियों को दूध देना मजबूरी

भुगतान न होने से परेशान दुग्ध उत्पादकों ने प्राइवेट डेयरी को दूध देने का मन बना लिया है। फर्रुखाबाद के किसान अमित तिवारी ने बताया कि जनप्रतिनिधियों से लेकर अधिकारियों तक के कई चक्कर काट लिए, पर आज तक भुगतान नहीं हो पाया। इस वजह से कम दाम में प्राइवेट डेयरियों को दूध देना शुरू कर दिया है। भुगतान के लिए चक्कर लगाकर थक चुके हैं, बैंक का कर्ज भी देना पड़ता है। अब तो पानी सिर के ऊपर चला गया है।

महेश कुमार, कानपुर देहात

लॉकडाउन के समय हमने भरपूर दूध दिया था। अभी तक उसका भुगतान नहीं हुआ। एक-एक रुपये के लिए परेशान हैं।

संजय शुक्ला, कानपुर देहात कानपुर दुग्घ संघ द्वारा पूरे मंडल के दुग्ध उत्पादकों का लगभग दो करोड़ रुपये दिया जाना है। सरकार से आर्थिक सहायता मांगी गई है। धनराशि मिलते ही भुगतान कर दिया जाएगा।

राजीव वाष्र्णेय, महाप्रबंधक कानपुर दुग्ध संघ


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