घरों में पहुंच रहा छह रुपये लीटर में तैयार मिलावटी दूध
संवाद सूत्र,फफूंद : कस्बा व क्षेत्र में मिलावटी दूध का कारोबार दिन-प्रतिदिन बढ़ रहा है। लेकि
संवाद सूत्र,फफूंद : कस्बा व क्षेत्र में मिलावटी दूध का कारोबार दिन-प्रतिदिन बढ़ रहा है। लेकिन इस पर किसी का ध्यान नहीं है। दूध लोगों की रोजमर्रा की जरूरतों में शुमार है। ऐसे में यदि दूध में हानिकारक रसायनों व पदार्थों की मिलावट हो तो यही स्वास्थ्य के लिए हानिकारक साबित होता है।
फफूंद क्षेत्र में स्थित डेयरी दुकानदारों द्वारा अपने फायदे के लिए मिलावटी दूध की बेखौफ होकर बिक्री की जा रही है। जिससे लोगों का धन तो जा ही रहा है। साथ में उनके स्वास्थ्य पर भी बुरा असर पड़ रहा है। जानकारी के मुताबिक क्षेत्र भर में बिकने वाला दूध गुणवत्ताविहीन है। डेयरियों में रात को दूध पाउडर, केमिकल, सफेद सीमेंट आदि के मिश्रण से चोरी छिपे तैयार किया जाता है। जिसमें चिकनाई के लिए रिफाइंड तेल या घी तथा एसिड क्लीनर जैसे रसायन का प्रयोग किया जाता है। एसिड क्लीनर चिकित्सक के अनुसार बेहद खतरनाक रसायन है। विभागीय अधिकारियों के अनुसार मिलावटी दूध बेचना गंभीर अपराध है। जिसमें सजा से लेकर पांच लाख तक जुर्माना हो सकता है। खाऊ कमाऊ नीति के चलते संबंधित विभागीय अधिकारी भी इन डेयरियों पर छापा मारने की कार्रवाई से किनारा कर लेते हैं। ¨सथेटिक दूध तैयार करने में पांच से छह रुपये प्रति लीटर का खर्च आता है। जबकि इसे 40 से 50 रुपये लीटर में बेचा जा रहा है। निजी आर्थिक लाभ के लिए डेयरी संचालक क्षेत्रीय जनता के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं। प्रतिदिन हजारों लीटर दूध विभिन्न माध्यमों से क्षेत्र में में आ रहा है। -अभी तक ऐसा मामला संज्ञान में नहीं आया है। उसे दिखाकर कार्रवाई कराई जाएगी। -एसके श्रीवास्तव, अभिहित अधिकारी