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ओडीएफ का सच: कदमापुर में अभी भी है शौचालयों का इंतजार

संवाद सूत्र, रुरुगंज: जिले को खुले में शौच मुक्त करने का दावा किया जा रहा है। लेकिन ओडीएफ

By JagranEdited By: Published: Fri, 16 Nov 2018 06:16 PM (IST)Updated: Fri, 16 Nov 2018 06:16 PM (IST)
ओडीएफ का सच: कदमापुर में अभी भी है शौचालयों का इंतजार
ओडीएफ का सच: कदमापुर में अभी भी है शौचालयों का इंतजार

संवाद सूत्र, रुरुगंज: जिले को खुले में शौच मुक्त करने का दावा किया जा रहा है। लेकिन ओडीएफ की हकीकत किसी से छिपी नहीं है। जिले के एरवाकटरा विकास खंड के गांव मानीकोठी के मजरा कदमापुर अकेले खुले में शौच मुक्त अभियान की कलई खोलने को काफी है। यहां सुबह से ही महिलाएं व ग्रामीण खेतों में शौच के लिए जाते हुए देखे जा सकते हैं।

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जिला मुख्यालय से 40 किमी और तहसील बिधूना से मात्र 13 किमी दूर यह गांव कदमापुर राजनीतिक दृष्टिकोण से बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है। गांव में 600 से अधिक की आबादी है। यह गांव कन्नौज लोकसभा में पड़ता है। इसके बावजूद भी जिले के जिम्मेदारों ने उस गांव की तरफ आज तक रुख नहीं किया। गांव की महिलाओं व बेटियों को ही नहीं कई पुरुषों को भी खुले में शौच मुक्त का मतलब तक नहीं पता। जबकि गांव की महिलाएं चाहती हैं कि वह घर में बने शौचालय में ही शौच के लिए जाएं, लेकिन आर्थिक परेशानी के कारण उनके घर अब तक शौचालय नहीं बन सके। ऐसे में सरकार की खुले में शौच मुक्त भारत का सपना साकार होने की बात बेमानी नजर आती है।

क्या कहते हैं लोग

-75 वर्षीय महिला रामबेटी कठेरिया ने बताया अब वह नहीं चाहती कि उन्हें सुबह शाम खुले में शौच करने जाना पड़े। पति तो अब दुनिया मे नहीं रहे। दिव्यांग बेटे ने कई बार घर में शौचालय बनवाने की कोशिश की लेकिन गरीबी के कारण घर में शौचालय नहीं बनवाया जा सका है।

-प्रमोद कुमार ने बताया कि उनके गांव में आज तक कोई शौचालय नहीं है और न ही ग्रामीणों को इसके फायदे व नुकसान की जानकारी है।  इसलिए अपने पुराने हिसाब से ही शौच के लिए बाहर जाते हैं।

-राम¨सह ने बताया कि देश की आजादी के बाद से अब तक कोई सरकार ऐसी नहीं आई है। जिसने उनके गांव के विकास को सोचा हो। सिर्फ चुनाव के समय ही जनप्रतिनिधि वोट मांगने आते हैं और उसके बाद लापता हो जाते हैं। शौचालय क्यों नहीं बनवाए जा रहे पता नहीं है।

-ग्रामीण रामकिशोर ने बताया की कई बार जिले के अधिकारियों से शौचालय व अन्य समस्याओं से अवगत कराया है। लेकिन आज तक किसी अधिकारी ने गांव के लोगों की समस्याएं सुनना जायज नहीं समझा। थके हारे ग्रामीण अब खामोश बैठ गए हैं।

-कदमापुर गांव में शौचालय न बने होने की जानकारी मिली है, किसी कारणवश गांव का नाम सर्वे में आने से छूट गया था। दोबारा गांव के लोगों का नाम सर्वे करके भेज दिया गया है। जल्द ही कदमापुर में शौचालय बनने शुरू हो जाएंगे।-अभिलाष बाबू, बीडीओ एरवाकटरा

-कदमापुर गांव की अभी कोई जानकारी नहीं है। अगर गांव में अभी तक शौचालय नहीं हैं तो ये लापरवाही है। सम्बंधित अधिकारियों के खिलाफ जांच कर कार्रवाई की जाएगी। ग्रामीणों को जल्द शौचालय दिए जाएंगे।-श्रीकांतमिश्र, डीएम


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