निर्मल जल व स्वच्छता की मंशा, ठंडे बस्ते में 80 करोड़ का प्रस्ताव
जागरण संवाददाता औरैया बदहाल सड़कों की दशा को सुधारने की कवायद हो या फिर अन्य रुके
जागरण संवाददाता, औरैया: बदहाल सड़कों की दशा को सुधारने की कवायद हो या फिर अन्य रुके विकास कार्य। बजट के इंतजार में फाइल में है। इसमें एक है वाटर ट्रीटमेंट प्लांट की मंशा। यमुना नदी का पानी निर्मल बना रहे व जिलेभर की गंदगी का निस्तारण हो सके। इस उद्देश्य के साथ करीब चार वर्ष पूर्व पहल शुरू की गई। जल निगम की ओर से करीब 80 करोड़ रुपये का प्रस्ताव शासन को भेजा गया था। बिना देरी कमेटी गठित की गई। इसके बाद सब ठहर सा गया। वाटर ट्रीटमेंट प्लांट की जगह का सर्वे भी किया गया। सारी प्रक्रिया फाइलों में रह गई हैं। वहीं यमुना नदी के जल को तीन बड़े नाला दूषित कर रहे हैं।
डेढ़ साल पूर्व यमुना के करीबी गांव पैगंबरपुर में जगह चिह्नित की गई थी। इसमें नगर पालिका प्रशासन, जिला प्रशासनिक अधिकारी व जन प्रतिनिधि भी शामिल थे। करीब दो साल पूर्व जल निगम की ओर से करीब 80 करोड़ रुपये का प्रस्ताव शासन को भेजा गया था। यमुना में गिरने वाले नगर पालिका के तीन बड़े नालों का गंदा पानी साफ करने के बाद यमुना में छोड़े जाने की योजना थी। इसके अलावा किसान सिचाई के लिए भी इस पानी का प्रयोग कर सकेंगे। लेकिन, सपना अभी तक साकार नहीं हो सका है। ------------------
तीन बड़े नाले यमुना को कर रहे गंदा:
यमुना को तीन बड़े नाले गंदा कर रहे हैं। औरैया शहर, खानपुर और मढ़ापुर के घरों का गंदा पानी नदी में पहुंच रहा है। नगर पालिका के लोगों को हर रोज 16 मिलियन लीटर पानी मुहैया कराया जाता है। घरों से लगभग 13 मिलियन लीटर गंदा पानी निकलता है। तीन मिलियन लीटर के करीब मैला पानी ग्राम पंचायत खानपुर व मढ़ापुर का पानी भी यमुना में जाता है। ---------------
गठित हुई थी समिति
वर्ष 2016 में प्रधानमंत्री ने नदियों को स्वच्छ बनाने की पहल की थी। 22 मई 2017 के भारत सरकार ने गंगा व सहायक नदी के किनारे के सभी जनपदों को जिला गंगा समिति गठित करने के निर्देश दिए थे। तत्कालीन जिलाधिकारी के आदेश पर तत्कालीन अपर जिलाधिकारी रामसेवक द्विवेदी ने जून 2017 में 11 सदस्यीय कमेटी गठित कर दी। समिति में जिलाधिकारी अध्यक्ष, अधिशासी अभियंता प्रांतीय खंड पीडब्लूडी, अधिशासी अभियंता सिचाई खंड दिबियापुर, मुख्य चिकित्साधिकारी,क्षेत्रीय अधिकारी जल निगम, प्रभागीय वनाधिकारी पदेन सदस्य, संस्थापक विचित्र पहल, प्रधान खानपुर आदि 11 सदस्यीय समिति बनाई गई थी। समिति की आज तक कोई बैठक नहीं हुई। वाटर ट्रीटमेंट प्लांट की फाइल भी पटल नहीं बदल सकी। यमुना को स्वच्छ बनाने, बंजर भूमि व बीहड़ को हरा-भरा बनाने की योजना ठंडे बस्ते में है। खेतिहर भूमि को सिचित करने का सपना भी अधूरा है।