कुछ हद तक स्थिर हुए हालात तो सब्जियों पर बाढ़ का असर
जागरण संवाददाता औरैया बारिश के मौसम में हरी सब्जियों के नष्ट होने की संभावनाएं ज्यादा बढ
जागरण संवाददाता, औरैया: बारिश के मौसम में हरी सब्जियों के नष्ट होने की संभावनाएं ज्यादा बढ़ जाती हैं। कुछ की पैदावार पर असर पड़ता है। लगातार पानी भरा रहने से भी पौधे नष्ट हो जाते हैं। उत्पादन कम होने से बाजार में आवक में कमी आती है। इसके सब्जियों के दामों में बढ़ोत्तरी होती है। लेकिन, अब बारिश थमने व धूप मिलने से उत्पादन में वृद्धि होने की पूर्ण संभावना है। मौसम के जानकारों का कहना है कि सब्जी वाले खेतों में पानी का ठहराव न हो तोज्यादा फर्क नहीं पड़ता है। यमुना नदी की तलहटी में गांव के लोग ज्यादातर इस मौसम में सब्जियों का कारोबार करते हैं। बाढ़ आने से हरी सब्जी पूरी तरह से नष्ट हो चुकी हैं। ऐसे में सब्जी के दामों पर भी इसका असर पड़ रहा है।
बेल व पत्तेदार सब्जी जैसे तरोई, लौकी, पालक, मूली आदि की बेल जमीन पर फैलती है। बाढ़ प्रभावित क्षेत्र में पूरी तरह से नष्ट हुई सब्जियों का असर बाजार में काफी दिन तक रह सकता है। बारिश थमने व धूप निकलने से समतल जगह पर हो रही सब्जी की खेती में उत्पादन वृद्धि होने की संभावना है। टमाटर का पौधा ज्यादा पानी नहीं चाहता है। भिडी, बैगन, परबल पर ज्यादा असर नहीं पड़ता है। यह पौधे पानी में डूबने से बच जाते हैं। इसका असर कीमतों पर पड़ता है। बाजार में आवक होने से कीमतों में गिरावट आएगी। हालांकि अभी बाजार में मिला जुला असर है। वरिष्ठ कृषि विज्ञानी डा.अनंत कुमार का कहना है कि पानी के अलावा पौधों को धूप भी मिलना जरूरी है। चार-पांच दिन लगातार धूप मिलने से सब्जी के पौधे ऊर्जावान हो जाते हैं। इसके अलावा तापमान बढ़ने पर सब्जियों की कीट लगने की भी संभावना ज्यादा बढ़ जाती है। सब्जी किसानों को इस समय ज्यादा ध्यान देना होगा। सब्जी थोक मंडी फुटकर
कददू 15 से 20 30 से 40
लौकी 10 से 15 20 से 30
भिडी 30 से 40 50 से 60
टमाटर 30 से 38 45 से 65
ककोरा 130 से 140 155 से 160
अदरक 30 से 40 45 से 60
हरी धनियां 70 से 80 90 से 100
हरी मिर्च 35 से 40 50 से 60
शिमला मिर्च 55 से 65 75 से 90
खीरा 15 से 20 30 से 40