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उपभोक्ताओं पर भारी अधिकारियों की कारगुजारी

जागरण संवाददाता औरैया विद्युत निगम के अधिकारियों व कर्मचारियों की लापरवाही के चलते बसप

By JagranEdited By: Published: Sat, 19 Oct 2019 11:51 PM (IST)Updated: Sun, 20 Oct 2019 06:08 AM (IST)
उपभोक्ताओं पर भारी अधिकारियों की कारगुजारी
उपभोक्ताओं पर भारी अधिकारियों की कारगुजारी

जागरण संवाददाता, औरैया : विद्युत निगम के अधिकारियों व कर्मचारियों की लापरवाही के चलते बसपा शासनकाल में बनी कांशीराम कॉलोनी के लोगों की नींद उड़ चुकी है। गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वाले उपभोक्ताओं को बड़े बकाएदारों की श्रेणी में खड़ा कर दिया गया है। मीटर लगने के बावजूद वर्षो बिल जारी न होने से बड़ी रकम के रूप में बकाया धनराशि कनेक्शन धारकों के लिए सिरदर्द बन गई है। अधिकारियों की ओर से आरसी व एफआइआर की कार्रवाई ने उनकी मुसीबत और अधिक बड़ा दी है।

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मनोज कुमार का कहना है कि करीब छह वर्ष बाद विद्युत निगम की ओर से सौंपा गया 1.50 लाख रुपये का बकाया बिल जमा कर पाना संभव नहीं है। पूर्ण रूप से दिव्यांग होने की वजह से कोई आय का साधन नहीं है। पत्नी साधना व बच्चे मेहनत मजदूरी करने के बाद दो जून की रोटी नहीं जुटा पाते। एक बेटी शादी योग्य है। साथ ही उनका जीवन भी परिवार के ऊपर निर्भर है। ऐसे में विद्युत निगम का शिकंजा उनके लिए आफत बना हुआ है।

दीपक कुमार का दर्द है कि दूसरे की दुकान पर मेहनत मजदूरी करके बमुश्किल परिवार पाल रहे हैं। छोटे-छोटे बच्चे की शिक्षा एवं भरण पोषण की जिम्मेदारी भी उन्हीं पर है। उनका बिल भी 1.17 लाख का कई वर्ष बाद आया है। जिसे चुकाना बेहद कठिन है। मीटर लगने के बाद ही यदि बिल मिलना शुरू हो जाता तो यह रकम लाखों में न पहुंचती। प्रत्येक माह बिल दैनिक खर्च में कटौती करके जमा भी किया जा सकता है।

अन्नान अली बताते हैं कि टट्टर में पान, गुटखा आदि बेचकर बच्चों को दो वक्त की रोटी खिलाना मुश्किल हो रहा है। छह वर्ष तक कॉलोनी का बिल कोई कर्मचारी देने नहीं आया। इसके बाद 1.50 लाख का बिल थमाया गया। बिल देखकर उनके होश उड़ गए। विभागीय शिकंजे ने दिन का चैन व रातों की नींद उड़ा दी हैं।

इसी तरह शहर में बनी लगभग दो हजार कॉलोनियों के लोगों पर लाखों रुपये बकाया चला आ रहा है। प्रत्येक आवंटी विद्युत निगम का 50 हजार से ऊपर का बकाएदार है। गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वाले लोग जिन्हें निश्शुल्क आवास आवंटित किए गए। आज बड़े बकाएदारों की श्रेणी में आ चुके हैं। क्या कहते हैं जिम्मेदार

उपभोक्ता बिल जमा करने से कतराते हैं। धीरे-धीरे करके यदि उपभोक्ता जमा करना शुरू करें तो बिलों को संशोधित कर उनकी पूर्ण मदद की जाएगी। मुख्यालय के निर्देशों के अनुसार सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी।

नरेंद्र प्रकाश, अधिशासी अभियंता


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