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हड़ताल से लड़खड़ाई स्वास्थ्य सेवाएं

जागरण टीम औरैया संविदा कर्मचारियों व चिकित्सकों की हड़ताल दूसरे दिन भी जारी रही। आक

By JagranEdited By: Published: Thu, 02 Dec 2021 11:30 PM (IST)Updated: Thu, 02 Dec 2021 11:30 PM (IST)
हड़ताल से लड़खड़ाई स्वास्थ्य सेवाएं
हड़ताल से लड़खड़ाई स्वास्थ्य सेवाएं

जागरण टीम, औरैया: संविदा कर्मचारियों व चिकित्सकों की हड़ताल दूसरे दिन भी जारी रही। आकस्मिक सेवाओं के अलावा अन्य कार्य बाधित हुए। बनाए गए केंद्रों पर एएनएम की अनुपस्थिति में टीकाकरण नहीं हो सका। इसके अलावा कोविड की जांच भी प्रभावित रही। ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों को समय से स्वास्थ्य सेवाएं नहीं मिल सकीं।

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जनपद के सात विकासखंडों में करीब 35 संविदा कर्मी एएनएम पद पर कार्यरत हैं। उनके हड़ताल पर रहने की वजह से बनाए गए केंद्रों पर टीकाकरण ज्यादा प्रभावित हुआ। रोजाना होने वाला करीब 10 हजार से ऊपर लगाई जाने वाली वैक्सीन की डोज सिर्फ ढाई हजार लोगों तक ही सिमट गई। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र अयाना में तैनात 40 संविदा कर्मचारियों के हड़ताल पर जाने से स्वास्थ्य सेवाएं बाधित रहीं। 25 किमी दूर बड़ी गूंज से शिव नारायण, पिकी देवी, रवि कुमार कोविड जांच के लिए आए, लेकिन उन्हें बैरंग वापस लौटना पड़ा। अयाना के शिवम दीक्षित दो दिनों से अपने दादा का उपचार कराने के लिए भटक रहे। चित्तर सिंह हाथ के घाव की पट्टी करवाने के लिए आए। कर्मचारियों की अनुपस्थिति से मायूस होकर घर लौट गए। इसके अलावा बुखार संक्रमण से प्रभावित क्षेत्रों में भी मरीजों को उपचार नहीं मिल सका। जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डा. देव नारायण सिंह ने बताया कि संविदा पर तैनात एएनएम हड़ताल पर रहने की वजह से वैक्सीनेशन का कार्य प्रभावित हुआ। जिला सर्विलांस अधिकारी अपर मुख्य चिकित्साधिकारी डा. शिशिरपुरी का कहना है कि कर्मचारियों की हड़ताल की वजह से सैंपलिग कार्य पर असर है।

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आकस्मिक कार्यों को छोड़ सभी ने किया कार्य बहिष्कार

स्वास्थ्य विभाग में कार्यरत संविदा कर्मी और चिकित्सक आठ सूत्रीय मांगों को लेकर दूसरे दिन भी हड़ताल पर रहे। जिले के सभी संविदा कर्मचारियों ने अपने तैनाती स्थल पर धरना देकर नारेबाजी की। आकस्मिक सेवाओं के अलावा कार्य बाधित रहा। जिलाध्यक्ष अजय कुमार पांडेय, महामंत्री डा.एसपी सिंह ने संयुक्त रूप से कहा कि निदेशक द्वारा लिखित आश्वासन न दिए जाने से वह लोग वार्ता को विफल मान रहे हैं। खित आश्वासन नहीं मिल जाता तब तक लड़ाई जारी रहेगी।


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