शासन-प्रशासन के आदेश बेअसर, बदहाल गोआश्रय स्थल
जागरण संवाददाता औरैया तमाम कोशिशों के बावजूद गो-आश्रय स्थलों की दशा सुधारने पर कोई क
जागरण संवाददाता, औरैया: तमाम कोशिशों के बावजूद गो-आश्रय स्थलों की दशा सुधारने पर कोई कार्य नहीं हो रहा। भूख-प्यास से गोवंश दम तोड़ रहे। बीते एक माह के आंकड़ों पर गौर किया जाए तो दो दर्जन से ज्यादा गोवंशों की मौत हो चुकी है। इसके बाद भी व्यवस्थाओं को दुरुस्त करने का ढर्रा नहीं बदल रहा है। कहने को सरकारी गोशालाओं में करीब 3500 गोवंश हैं। लेकिन उससे कहीं अधिक सड़कों पर बेसहारा हैं।
गोवंश संरक्षण के लिए जिले में 44 अस्थाई गोशालाएं प्रशासन द्वारा संचालित है। जिसमें उमरी व जैतापुर दो गोशालाएं स्थाई हैं। 20 प्राइवेट गोशालाएं भी संचालित हैं। इसके बावजूद औरैया, अजीतमल, दिबियापुर व बिधूना जैसे शहरी कस्बों की गलियां आवारा गोवंश के लिए विचरण मार्ग बनी है। भूख-प्यास से भटक रहे गोवंशों की ओर प्रशासन की नजर नहीं। खुले में घूम रहे गोवंशों से हादसे भी हो रहे हैं।
बुधवार को बहन टोला निवासी सुधीर गुप्ता पर एक आवारा गोवंश ने हमला कर चोटिल कर दिया था। इसकी शिकायत नगर पालिका परिषद में की गई थी। ग्रामीण क्षेत्रों की बात की जाए तो यहां भी कुछ ऐसे ही हालात है। मानीटरिग न होने से दुश्वारियां बढ़ी हैं।
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एक नजर आंकड़ों पर
जिले में सरकारी व प्राइवेट गोशाला-44
गोशालाओं में आश्रित गोवंश- 3500
प्राइवेट गोशालाओं में गोवंश-1500
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लगातार गोशालाओं की व्यवस्था को लेकर मानीटरिग की जा रही है। जहां भी कमी नजर आ रही है। तत्काल दुरुस्त कराई जा रही है। वहीं आवारा गोवंशों को लेकर विभाग के कर्मचारियों को निर्देश दिए गए है। अभियान चलाकर आवारा गोवंशों को पकड़ा जाएगा।
डा. हेमचंद्र श्रीनिवास, मुख्य पशु चिकित्साधिकारी