यातायात नियमों का करें पालन, सुरक्षित रहेगी जिदगी
जागरण संवाददाता औरैया यातायात नियमों का पालन करना जिदगी के लिए बेहतर है। जब तक हम ल
जागरण संवाददाता, औरैया : यातायात नियमों का पालन करना जिदगी के लिए बेहतर है। जब तक हम लोग नियमों का पालन नहीं करेंगे। तब तक हम सुरक्षित नहीं रह सकेंगे। खुद व दूसरों को नियमों की जानकारी दें, जिससे हादसो पर रोक लग सके। एसपी, एआरटीओ व यातायात प्रभारी ने जनपद की जनता से अपील करते हुए कहा कि जागरूकता अपनाएं और खुद की जान बचाएं। उनका कहना है कि जरा सी लापरवाही हम सबके लिए जान की दुश्मन बन जाती है। इसलिए वाहन चलाते समय यातायात नियमों का पालन अवश्य करें। - प्रभारी यातायात उपनिरीक्षक मृत्युंजय पांडेय ने बताया कि अगर कोई भी व्यक्ति वाहन चलाता है तो उसके यातायात नियमों का पालन करना अनिवार्य है। बाइक चलाते समय हेलमेट जरूर लगाकर चले। सिर सुरक्षित होगा तो जिदगी खुद सुरक्षित हो जाएगी। कोहरे के समय सभी लोग अपने वाहनों की स्पीड उतनी ही रखें, जिससे वह कंट्रोल कर सके। साथ ही वाहन चलाते समय सड़क पर बनी सफेद पट्टी का विशेष ध्यान रखें। अगर सफेद पट्टी देखकर वाहन चलाएंगे, तो कभी हादसा नहीं हो सकता है। खास तौर पर हाईवे पर विशेष रूप से उनका ख्याल रखा जाए। सवाल - जगह-जगह टूटे डिवाइडर व गड्डे बन रहे हादसों का कारण
जबाव - सड़क पर बने गड्ढों को दुरूस्त कराए जाने के लिए पीडव्लूडी के अधिकारियों को पत्र लिखा गया है। वहीं जो डिवाइडर क्षतिग्रस्त हो गए हैं। उनके लिए शासन को पत्र लिखा जा चुका है। सवाल - डग्गामारी पर क्यों नहीं लग पा रहा अंकुश
जबाव - डग्गामार वाहन चालकों के खिलाफ अभियान चलाकर कार्रवाई भी की जाती है। अब प्रतिदिन अभियान चलाया जाएगा। किसी भी सूरत में डग्गामारी नहीं होने दी जाएगी। सवाल-ब्लैक सपॉट प्वाइंट पर बोर्ड व संकेतांक क्यों नही लगे सके
जबाब- जल्द ही चिन्हित जगहों पर संकेतांक व बोर्ड लगवाए जाएंगे। - एआरटीओ धरमवीर सिंह यादव ने लोगों से अपील करते हुए कहा कि चार पहिया वाहन चालक सीट बेल्ट जरूर लगाकर चले। साथ ही बीमा व अन्य कागजात पूरे रखें। यातायात नियमों का पालन करें, जिससे किसी प्रकार का हादसा न हो सके। वैसे तो जागरूकता अभियान चलाया जाता है, लेकिन काफी लोग नियमों की अनदेखी करते हुए सफर करते हैं, यहीं हादसे का मुख्य कारण बनता है। जब हम सभी लोग नियमों का पालन करेंगे, तो हम सबकी जिदगी सुरक्षित रहेगी। हाईवे पर बने अवैध कटों से न जाकर ओवरब्रिज के नीचे से ही निकले। जरा सी जल्दबाजी आपके लिए खतरनाक साबित हो सकती है। सवाल - आखिर अभियान के नाम पर क्यों की जाती है खानापूर्ति
जबाव - लोगो को जागरूक किए जाने के लिए यातायात व उनके विभाग की ओर से स्कूलों में अभियान चलाए जाते हैं। जिससे लोग जागरूक हो और नियमों का पालन करते हुए सफर करें। वैसे अक्सर चेकिग कर नियमों का उल्लंघन करने वालों को चेतावनी दी जाती है। साथ ही उनके खिलाफ कार्रवाई की जाती है। सवाल - स्कूल तक ही सीमित रहती जागरूकता
जबाव - शासन की ओर से लोगों को जागरूक किए जाने के निर्देश दिए जाते हैं। शहर के प्रमुख चौराहो के अलावा स्कूलों में अभियान चलाया जाता है। बच्चों अपने अभिभावक तक बात पहुंच सकते हैं। - एसपी सुनीति ने लोगों से अपील करते हुए कहा कि जब तक हम लोग जागरूक नहीं होंगे, तब तक हादसों पर रोक लगाना मुश्किल काम है। इसलिए हम सबको नियमों का पालन करते हुए दूसरों लोगों को भी जागरूक करने की जरूरत है। समाजसेवी संस्थाओं को इस पहल को आगे बढ़ाना चाहिए। जब हम लोग नियमों का पालन करेंगे तो खुद व दूसरों की जिदगी बचा पाएंगे। उन्होंने आम जनता से अपील की कि सब लोग संकल्प लें कि कोई भी नियमों का उल्लंघन नहीं करेगा। सवाल - व्यवस्था सुधारने की बजाए बिगाड़ रहे जिम्मेदार
जबाव - अगर जिम्मेदार लारहवाही बरत रहे हैं, तो जांच कराई जाएगी। जिम्मेदार ही लापरवाही बरतेंगे तो आम जनता की बात ही अलग है। जल्द ही अभियान चलाकर लगाया जाएगा। किसी भी सूरत में लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। सवाल - यातायात माह के अलावा क्यों नहीं चलाया जाता अभियान
जबाव - यातायात माह में अभियान चलाया जाता है। महीने में सात-आठ बार लोगों को जागरूक किए जाने के निर्देश दिए गए हैं। अगर संबंधित जिम्मेदार इसका पालन नहीं कर रहे हैं, तो कार्रवाई की जाएगी। इनसेट-
ये भी होना चाहिए
रोड सेफ्टी के बारे में मानवाधिकार संगठन के अध्यक्ष शिवम विश्नोई ने हादसे रोकने के लिए कुछ सुझाव परिवाहन मंत्रालय भेजे है। जो हादसे रोकने में अहम हो सकते है। -रोड सेफ्टी ऑडिट को कंपलसरी बनाया जाना चाहिए। डेली, वीकली आधार पर यह ऑडिट हो, जिसमें संबंधित एजेंसियां चेक करें कि सड़कों पर गड्डे तो नहीं है, साइनेज ठीक हैं, सड़कों पर मार्किंग और सफाई को भी देखा जाए। ट्रैफिक पुलिस या अन्य कोई एजेंसी सड़कों की सुरक्षा संबंधी नियमों को सख्ती से लागू करने में नाकाम रही हैं, इसीलिए जरूरी है कि एक प्राइवेट एजेंसी हायर की जाए। - सड़कों पर अतिक्रमण, अवैध पार्किंग और किसी भी तरह की रुकावट को दूर करने के लिए सभी एजेंसियों को मिलकर युद्धस्तर पर अभियान चलाना होगा, ताकि ट्रैफिक की कोई समस्या पैदा न हो। -सरकारी एजेंसी के संबंधित अधिकारियों की जवाबदेही तय की जानी चाहिए और उनके खिलाफ आपराधिक मुकदमा दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार किया जाना चाहिए। पुलिस को मजबूती के साथ कोर्ट में केस को पुटअप करना चाहिए। -एक ऐसा यूनीक हेल्पलाइन नंबर होना चाहिए, जिस पर सड़क पर गड्डे की शिकायत आसानी से की जा सके और उस हेल्पलाइन पर आने वाली शिकायत पर 24 घंटे में हर हाल में एक्शन होना चाहिए। पुलिस के साथ मिलकर भी इस अभियान को आगे बढ़ाया जा सकता है। पीसीआर वैन दिल्ली में जगह- जगह पर जाती हैं और अगर पुलिसकर्मियों की नजर में भी सड़कों पर गड्डे की समस्या नजर आती है तो वे भी इस बारे में एजेंसियों को बता सकते हैं। -सड़क की वजह से जख्मी या मौत होने पर अभी कोर्ट जाना पड़ता है। लोकनिर्माण विभाग या हाईवे की एजेंसी में ही ऐसा मिकैनिजम तैयार किया जाना चाहिए कि पीड़ित को क्लेम के लिए कोर्ट जाना न पड़े। क्लेम के लिए टाइम लिमिट हो, अगर एजेंसी नहीं देती है तो तब कोर्ट जाए। -अमेरिका में जब कभी सड़क आदि बनाने जैसा प्रोजेक्ट शुरू होता है तो वहां एक बैनर लगा दिया जाता है कि योर टैक्समनी एट वर्क जिससे आम लोगों को अपनी जिम्मेदारी और अपने पैसे के सरकार द्वारा इस्तेमाल का सीधे पता चलता है, लेकिन हमारे यहां ऐसे काम ज्यादातर पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) के बेसिस पर होते है। ऐसे में सरकार की जिम्मेदारी और अहम हो जाती है। सरकार खामियों के लिए संबंधित कंपनी की जिम्मेदारी तय करे।