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बाढ़ का कहर, कई गांव जलमग्न

संवाद सहयोगी अजीतमल यमुना किनारे बसे बीहड़ी गांवों के ग्रामीण बाढ़ का कहर कई दिनों से

By JagranEdited By: Published: Tue, 17 Sep 2019 11:35 PM (IST)Updated: Wed, 18 Sep 2019 06:20 AM (IST)
बाढ़ का कहर, कई गांव जलमग्न
बाढ़ का कहर, कई गांव जलमग्न

संवाद सहयोगी, अजीतमल : यमुना किनारे बसे बीहड़ी गांवों के ग्रामीण बाढ़ का कहर कई दिनों से झेलने को मजबूर हैं। यमुना का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। इसके चलते कई गांव जलमग्न हो गए हैं। लोगों ने बाढ़ से बचने के लिए ऊंचे टीलों पर अपना ठिकाना बना लिया है। बड़ी संख्या में ग्रामीण नाव से सामान निकालकर पलायन करने को मजबूर हैं। साथ ही खौफ के कारण पूरी रात जागकर काट रहे हैं।

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लगातार बढ़ रहे जलस्तर से ग्रामीणों में दहशत है। मंगलवार को जलस्तर बढ़ने की गति दो से तीन सेमी प्रतिघंटे रही। केंद्रीय जल आयोग की टीम ने मंगलवार देर रात के बाद जलस्तर स्थिर होने की संभावना जताई है। पलायन कर रहे ग्रामीणों को मंदिर व टीले पर रुकवाया जा रहा है। यमुना का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। 113 सेमी पर खतरे का निशान है। मंगलवार को यमुना का जलस्तर 116.12 पर पहुंच गया। गांव टापू बन गए हैं और लोग घरों से पलायन कर रहे हैं कई विद्यालयों में पानी भर चुका है। वहीं प्रशासन भी लगातार बाढ़ पर नजर रखते हुए लोगों को सुरक्षा मुहैया कराने के लिए जुटा हुआ है। केंद्रीय जल आयोग के जेई कुलदीप कुमार ने बताया कि धौलपुर में जलस्तर स्थिर हुआ है। आज जलस्तर बढ़ने की गति भी कम है अगर डेम से पानी न छोड़ा गया तो देर रात तक जलस्तर स्थिर हो सकता है। ये गांव बने टापू

सिकरोड़ी, गुहानी खुर्द, गुहानी कला, बड़ैरा, जाजपुर, मिश्रपुर मानिकचंद, फरिहा, गूंज, असेवा, असेवटा व जुहीखा। कई गांव का संपर्क टूटा

अजीतमल : बाबरपुर कस्बे के हाईवे से सिकरोड़ी होते हुए पड़ोसी जनपद इटावा के ग्राम गड़ा कासदा होकर मध्य प्रदेश के जनपद भिड को जोड़ने वाले रास्ते पर पानी भर जाने से मार्ग अवरुद्ध हो गया। हाईवे से करीब 6 किलोमीटर सिकरोड़ी मार्ग पर हनुमानगढ़ी के आगे मार्ग पर करीब 5 फुट तक पानी भर चुका है। कई लोग नाव पर अपना सामान रख कर सुरक्षित स्थान की ओर पलायन कर रहे हैं। यही स्थिति भीखेपुर से जालौन जनपद को जोड़ने वाले मार्ग की है। इस मार्ग पर पानी भर जाने के कारण जालौन जनपद का संपर्क भी टूट चुका है। एसडीएम राशिद अली व तहसीलदार संध्या शर्मा के साथ तहसील, पुलिस प्रशासन पूरी तरह से नजर बनाए हुए है। 1996 की याद दिला रहा बाढ़ का पानी

अजीतमल: चंबल में पानी बढ़ने से पड़ोसी जनपद इटावा के ग्राम भरेह के पास से मिली चंबल का पानी यमुना नदी में आ जाता है। जिससे यमुना तबाही मचाना शुरू कर देती है। ग्रामीणों ने बताया कि सन 1996 में इसी तरह यमुना में आई बाढ़ ने तबाही मचाई थी। मगरमच्छ दिखने से दहशत

यमुना में आई बाढ़ से लोग दहशतजदा हैं। वही चंबल में छोड़े गए मगरमच्छ अभी यमुना में आकर कलरव कर रहे हैं। लोगों की मानें तो गांव की गलियों में घुसे पानी में भी लोगों ने मगरमच्छ देखे हैं। अब लोगों को इन मगरमच्छों से अपने मवेशियों और बच्चों की जान का खतरा आ पड़ा है। स्वास्थ्य विभाग ने वितरित की दवाइयां

उप जिलाधिकारी राशिद अली खान, तहसीलदार संध्या शर्मा, पुलिस क्षेत्राधिकारी कमलेश पांडे, कोतवाली निरीक्षक हेमंत कुमार जहां अपने विभागों के कर्मचारियों के साथ बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में डेरा डालकर लोगों को सुरक्षा व्यवस्था देने को तत्पर दिख रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग भी इन क्षेत्रों में अपनी टीमें लगाकर लोगों को दवा वितरित कर रहा है। सीएचसी अधीक्षक डॉ. विमल कुमार ने बताया की बाढ़ के पानी से संक्रामक बीमारियों से बचाव को लेकर स्वास्थ्य टीम लगातार नजर रख रही है। बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में दौरा कर लोगों को परीक्षण कर उन्हें दवाएं वितरित की जा रही हैं। बाढ़ का विकराल रूप देखकर प्रशासन ने बुलाई पीएसी

उप जिलाधिकारी राशिद अली खान ने बताया कि बाढ़ को देखते हुए आपात स्थिति से निपटने के लिए एक बटालियन पीएसी को बुलाया गया है। जो बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों पर नजर रखते हुए आपात स्थित में लोगों की मदद करेगी।


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