घनी बस्तियों में हो रहा आतिशबाजी का धंधा
जागरण संवाददाता, औरैया : दिवाली पर्व नजदीक आते ही जिले में आतिशबाजी माफिया सक्रिय हो गए ह
जागरण संवाददाता, औरैया : दिवाली पर्व नजदीक आते ही जिले में आतिशबाजी माफिया सक्रिय हो गए हैं। रोक के बावजूद जिले की घनी बस्ती में प्रतिदिन भारी मात्रा में आतिशबाजी का धंधा हो रहा है। कुछ माफिया ने बचने के लिए शहर से बाहर गोदाम बना लिए हैं लेकिन बिक्री अवैध रूप से शहर में ही की जा रही है। हाल ही में करवाचौथ पर अवैध रूप से बेची जा रही आतिशबाजी जब्त किया जाना इसका जीता जागता प्रमाण है।
दीपावली पर आतिशबाजी की मांग अचानक बढ़ जाती है। इसे देखते हुए माफिया सक्रिय हो गए हैं। पुलिस इनकी दुकानों पर छापा मारती भी है तो कुछ हाथ नहीं लगता, क्योंकि ये पहले ही अन्य जगहों पर गोदाम बनाकर माल शिफ्ट कर चुके हैं। कई माफिया ने तो घनी बस्तियों में गोदाम बना रखे हैं जो कभी भी हादसे का सबब बन सकते हैं। इसके अलावा बाहर से भी भारी मात्रा में आतिशबाजी मंगाई जा रही है।
कोडवर्ड में हो रहा काम
सुप्रीम कोर्ट ने घनी बस्तियों में आतिशबाजी की बिक्री और संग्रहण करने पर रोक लगा रखी है। इसके बावजूद बारूद माफिया पुलिस व जिला प्रशासन को चकमा देने में सफल हो जाते हैं। इसके लिए बाकायदा कोडवर्ड निर्धारित किए गए हैं। ये उन्हीं को मिलते हैं जा आतिशबाजी के परमानेंट ग्राहक हैं।
62 दुकानों को जारी हुए लाइसेंस
ज्वाइंट मजिस्ट्रेट अनुपम शुक्ला ने बताया कि इस बार 62 अस्थाई दुकानों को लाइसेंस जारी किए गए हैं। ये 7 नवंबर तक दुकान लगा सकेंगे। वहीं अब तक 25 लोगों को अवैध आतिशबाजी बेचने पर कार्रवाई हो चुकी है। फफूंद थाना क्षेत्र में एक पटाखा की फैक्ट्री सीज की गई है। शहर की घनी बस्ती में आतिशबाजी नहीं बेचने दी जाएगी। इसके लिए पूरे प्रयास किए जा रहे हैं। कुछ माफिया चिह्नित किए गए हैं। इनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। - प्रो. त्रिवेणी ¨सह, एसपी