अहंकार मनुष्य का सबसे बड़ा शत्रु
संस अजीतमल अहंकार मनुष्य ठीक वैसा होता है जैसा सूर्य की किरणों के सामने खड़े मनुष्य का
संस, अजीतमल: अहंकार मनुष्य ठीक वैसा होता है जैसा सूर्य की किरणों के सामने खड़े मनुष्य का प्रतिबिब जल में, जो सूर्य की किरणों की समाप्ति के साथ स्वत: ही समाप्त हो जाता है। अर्थात जीवात्मा व परमात्मा के मिलान से अहंकार रूपी दर्पण समाप्त हो जाता है। बाबरपुर कस्बा में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा में आचार्य निशा शास्त्री ने अहंकार को मनुष्य का सबसे बड़ा शत्रु बताया।
बाबरपुर कस्बा के मुहल्ला अशोक नगर में श्रीमद्भागवत कथा में आचार्य निशा शास्त्री ने बताया कि मनुष्य सिर्फ एक माध्यम है। यदि वह किसी के काम आए तो उसे समझना चाहिए कि ईश्वर ने उसे मदद के लिए भेजा है। मदद के दौरान थोड़ा सा भी अहंकार पुण्य हरने वाला होता है। गोवर्धन पूजा कर इंद्र देवता को भी अहंकार हो गया था, भगवान श्रीकृष्ण ने पूरा गोवर्धन पर्वत को एक अंगुली पर उठाकर इंद्र देवता का अहंकार चूर-चूर कर दिया था। कथा की समाप्ति के बाद श्रद्धालुओं ने प्रसाद ग्रहण किया।
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आर्य समाज मंदिर की कार्यकारिणी का हुआ गठन
अजीतमल कस्बा के मुहल्ला आर्यनगर स्थित मंदिर पर सोमवार को समिति के सदस्यों ने बैठक की। जिसमें निर्वाचन अधिकारी सुरेंद्र बहादुर सक्सेना व औरैया जिला प्रधान सर्वेश कुमार आर्य व जिला मंत्री देवेश कुमार की देखरेख में चुनाव संपन्न कराया गया। प्रधान पद पर विमल किशोर दुबे, मंत्री राजेश कुमार दुबे, कोषाध्यक्ष गेंदालाल राजपूत, संरक्षक शिवसागर तिवारी को निर्वाचित किया गया। सदस्यों में सत्यदेव गुप्ता, अजय कुमार दुबे, शिवमहेश दुबे, गोपालजी गुर्जर, स्वदेश कुमार दुबे, विनोद कुमार सविता, संतोष कुमार त्रिपाठी व राजेश कुमार शर्मा को निर्वाचित किया गया।