चिकित्सकों का दावा,आक्सीजन की कमी से नहीं संक्रमण से हुई मौत
जागरण संवाददाता औरैया कोरोना की दूसरी लहर में पूरे देश में आक्सीजन को लेकर किल्लत
जागरण संवाददाता, औरैया: कोरोना की दूसरी लहर में पूरे देश में आक्सीजन को लेकर किल्लत बताई गई थी। लेकिन जनपद में आक्सीजन की पर्याप्त उपलब्धता का दावा स्वास्थ्य विभाग करता रहा। चिकित्सकों का कहना है कि जनपद के ही नहीं कई जिलों के मरीजों को कोविड एल-2 अस्पताल में भर्ती कर उपचार कराया गया। चिकित्सकों का दावा है कि आक्सीजन की कमी से नहीं, संक्रमण की वजह से मौत हुई।
सौ शैय्या जिला अस्पताल स्थित कोविड एल-2 अस्पताल में 200 मरीजों के उपचार की व्यवस्था रही। इसके अलावा दिबियापुर सीएचसी में भी 50 बेड का कोविड अस्पताल तैयार कर लिया गया था। यहां पर भर्ती रहे मरीजों के मौत पर तीमारदारों का कहना है कि आक्सीजन के लिए अफरा तफरी मची रही। किसी एक मरीज के बेड पर दो-दो सिलिडर रखे मिले तो कोई तीमारदार इसके लिए भटकता रहा। बाहर से खरीदकर मरीज को आक्सीजन दी गई। जबकि कुछ का मानना है कि संक्रमण का खतरनाक प्रभाव ही मौत का कारण बना। आक्सीजन को निरंतर मिलती रही। चिकित्सकों की मानें तो जनपद में पर्याप्त उपलब्धता की वजह से कई अन्य जनपदों के मरीजों को भर्ती रखकर उनका उपचार किया गया।
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ठठराई मुहाल निवासी संदीप का कहना है कि उनके भाई संक्रमित हुए। हालत बिगड़ने पर उन्हें 50 शैय्या संयुक्त जिला चिकित्सालय में भर्ती कराया गया। यहां उनको आक्सीजन दी गई। रेफर करने के बाद एंबुलेंस में भी पर्याप्त आक्सीजन की व्यवस्था रही। लेकिन कोविड अस्पताल के गेट पर पहुंचते ही वे काल कवलित हो गए। उनका कहना है कि शरीर में आक्सीजन लेबल घट गया था। लेकिन, अस्पताल से उन्हें लगातार आक्सीजन दी जाती रही। इसी प्रकार कुदरकोट में एक पूर्व सैनिक की मौत हो गई। जिनकी मौत का कारण स्वास्थ विभाग ने संक्रमण होना बताया।
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बोले जिम्मेदार..
एसीएमओ डा. शिशिर पुरी ने बताया कि कोविड एल-2 अस्पताल में आक्सीजन की हमेशा पर्याप्त व्यवस्था रही। बाहरी जनपदों के मरीजों को भर्ती कर उनको पर्याप्त आक्सीजन दिए गए, उपचार उपलब्ध कराया गया।