'मेरा टीका, मेरा अधिकार' के प्रति चिकित्सक लापरवाह
जागरण संवाददाता औरैया कोविड-19 संक्रमण का खतरा अभी टला नहीं है। इससे बचाव के लिए वैक्स
जागरण संवाददाता, औरैया: कोविड-19 संक्रमण का खतरा अभी टला नहीं है। इससे बचाव के लिए वैक्सीनेशन पर जोर दिया जा रहा है। सरकार व प्रशासन गंभीर है लेकिन जिन कंधों पर यह जिम्मेदारी सौंपी गई है वह ढीले पड़ रहे हैं। यही वजह है कि जिले में 'मेरा टीका, मेरा अधिकार' मुहिम सुस्त पड़ रही है। सोमवार को कुछ केंद्र पर वैक्सीनेशन का कार्य सुबह 10 बजे के बाद शुरू हो सका। जबकि,सुबह साढ़े नौ बजे ही लोग पहुंच गए थे। बीते एक सप्ताह से दूसरी डोज की दिक्कतें बनी है। जिस कारण लोग परेशान नजर आ रहे हैं।
लोगों को जागरूक करते हुए उन्हें 'मेरा टीका, मेरा अधिकार' मुहिम से जोड़ने की कवायद जिले में जारी है। एक जुलाई से हर दिन पांच हजार लोगों को वैक्सीन लगाए जाने का लक्ष्य तय किया गया है। इस लक्ष्य के प्रति शुरुआती दिनों में चिकित्साधिकारी व चिकित्सक गंभीर दिखे। लोगों को जागरूक करने के साथ वैक्सीन की डोज लगाई गई लेकिन समय के साथ यह ढर्रा बदल गया है। केंद्र पर चिकित्सकों के समय पर न पहुंचने के कारण यह मुहिम सुस्त पड़ रही है। सोमवार को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बेला पर सुबह 10 बजे के बाद चिकित्सक पहुंचे। पूर्वाह्न 11 बजे तक वैक्सीन लगाने की कवायद शुरू हो
सकी। इतना ही नहीं, वैक्सीन लगवाने के बाद लोगों को दी जाने वाली जरूरी दवाएं भी खत्म है। जिस कारण लोगों को बाहर से पेरासिटामोल और एंटी-पायरेटिक दवा लेने के लिए कहा जा रहा है।
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दवाओं की कमी से जूझते स्वास्थ्य केंद्र
दवाओं की कमी से 50 शैया जिला संयुक्त चिकित्सालय सहित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बेला, बिधूना, एरवाकटरा, दिबियापुर आदि जूझ रहे हैं। नाम न बताने की शर्त पर कुछ चिकित्सकों ने कहा कि आठ
दिन से दर्द निवारक दवाओं की मांग अस्पताल प्रबंधन से की जा रही है। बावजूद कोई सुनने वाला नहीं है।